गुडग़ांव, 21 नवम्बर (अशोक): देश के ईपीएस 95 पैंशनभोगी अपनी पैंशन वृद्धि को लेकर आंदोलन करते रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी) का भी गठन किया हुआ है।

एनएसी के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत का कहना है कि  पैंशनभोगियों की बढ़ती मृत्युदर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन राजधानी दिल्ली में गत दिवस किया गया था, जिसमें उत्तरप्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़, महाराष्ट्र व दिल्ली के पैंशनभोगी शामिल हुए थे। उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और वे संबंधित मंत्री को ज्ञापन देने जा रहे थे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें अनुमति नहीं दी जिससे पैंशनभोगियों में रोष व्याप्त हो रहा है।

उनका कहना है कि एक ओर जहां हर माह 6 करोड़ कर्मचारियों का अंशदान प्राप्त कर ब्याज को अपने पास रखने के बाद भी पैंशन कोष में 6 लाख करोड़ रुपए की राशि मिलने के बाद भी सरकार से बजटीय सहायता लेकर यह दिखाने के लिए सरकार न्यूनतम एक हजार रुपए पैंशन का भुगतान करती है। यह दिखाया जाता है कि ईपीएफओ के पास पैंशन बढ़ाने के लिए पैसा नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने भी वर्ष 2016 में निर्णय दिया था कि पैंशनभोगियों की पैंशन में वृद्धि की जाए लेकिन उनकी पैंशन में कोई वृद्धि नहीं की गई है।

उन्हें मजबूर होकर धरने-प्रदर्शनों का आयोजन करना पड़ रहा है। राउत का कहना है कि ईपीएफओ अपने कर्मचारियों को 2 हजार रुपए
मासिक चिकित्सा भत्ता दे रहा है, लेकिन पैंशनभोगियों को इस सुविधा से वंचित किया जा रहा है। सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। संस्था पिछले 5 वर्षों से संघर्ष करती आ रही है लेकिन उन्हें आज तक भी न्याय नहीं मिला है। सरकार उनके धैर्य की परीक्षा लेना छोड़े और पैंशन में वृद्धि करे।

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