मछली पालन में आय व रोजगार की अपार संभावनाएं हैं: कृषि मंत्री जेपी दलाल
मछली पालन को बढावा देने के लिए सरकार उठा रही कदम

सिवानी मंडी 21 नवंबर। प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन व मत्स्य मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश के वर्तमान में अढाई हजार करोड़ रुपए के मत्स्य उत्पादन को आगामी 2 वर्ष के दौरान 5 हजार करोड़ करना है। मत्स्य पालन के क्षेत्र में किसानों की आय और रोजगार बढ़ाने के लिए उत्पादन,उत्पादकता व क्षेत्र को दोगना करना है इसके लिए अधिकारियों को निष्ठा और लगन से काम करना चाहिए।

कृषि एवं पशुपालन ,मत्स्य मंत्री श्री दलाल रविवार को स्थानीय श्री कृष्णा प्रणामी धर्मशाला में मत्स्य पालन विभाग द्वारा विश्व मत्स्य दिवस पर आयोजित किए गए कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मत्स्य पालन एवं खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका व निदेशक धर्मेंद्र बुधवार भी मौजूद रहे। कृषि मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा मत्स्य पालन के उत्पादन एवं क्षेत्र को दोगुना करने के लिए कारगर कदम उठाए जाये। मत्स्य पालन का व्यवसाय करके किसान अपनी स्थिति को और अधिक सुदृढ़ कर सकते हैं।

उन्होंने मत्स्य पालक किसानों के साथ-साथ अन्य किसानों का भी आह्वान करते हुए कहा कि वे कृषि के साथ-साथ इस व्यवसाय को अपनाकर प्रदेश में नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए आगे आएं। राज्य सरकार द्वारा मत्स्य पालक किसानों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं।उन्होंने कहा कि किसानों को मत्स्य पालन का प्रशिक्षण, उच्च क्वालिटी का बीज ,फीड तथा कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाएं प्रदान की जाए। कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश की दस लाख एकड़ बंजर भूमि पर मछली पालन से आय बढ़ाने व रोजगार की अपार संभावनाएं है। इसलिए राज्य सरकार प्रदेश में ऐसी जमीन पर मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठा रही है। विभाग द्वारा प्रदेश में गैर कृषि क्षेत्र भूमि पर मत्स्य पालन से जुड़ी अनेक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को शुरू किया जाएगा ताकि बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे के साथ.साथ मत्स्य पालक किसानों की वर्ष 2022 तक आमदनी को दोगुना किया जा सके।

उन्होंने विभाग के अधिकारियों को दक्षिणी भारत में आई बीमारी के दृष्टिगत प्रदेश में रोकथाम हेतु कारगर कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं। मत्स्य उत्पादन में बढ़ोतरी करके क्षेत्र के किसानों को उद्यमी बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए तथा प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत आधुनिक तकनीक पर आधारित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों को शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि इस रेतीले क्षेत्र में झींगा मछली पालन की अपार संभावनाएं हैं। किसान खारे पानी के क्षेत्र में मत्स्य पालन के व्यवसाय को अपनाकर लाखो कमा सक ते है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रमों को प्रभावशाली ढंग से लागू किया गया है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा मत्स्य पालन से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सामान्य वर्ग के मत्स्य पालक किसानों को 40 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति के किसानों को 60 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। विभाग द्वारा झींगा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया कार्यक्रम इस क्षेत्र के मत्स्य पालकों के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध हो

मत्स्य पालन एवं खेल विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश के किसानों ने सरकार द्वारा प्रदत की जा रही सुविधाओं का लाभ उठाकर मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालक किसानों के लिए सरकार सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के खिलाड़ियों ने ओलंपिक खेलों में बेहतर प्रदर्शन करके देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। प्रदेश के खिलाड़ी स्विमिंग के क्षेत्र में अगले ओलंपिक में श्रेष्ठ प्रदर्शन करेगे । उन्होंने कहा कि आगामी ओलंपिक खेलों में हमारे खिलाड़ी गोल्ड मेडल लेकर आएंगे।

विभाग के निदेशक धर्मेंद्र बुधवार ने विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रदेश में मत्स्य पालन को और अधिक बढाने के लिए सभी जिला मत्स्य अधिकारियों को 31 मार्च, 2022 तक मत्स्य यूनिट स्थापित करने के लक्ष्य दिए गए ।
उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग का बजट वर्ष 2014-15 में 6.9 करोड रूपये था जो वर्ष 2021-22 में बढक़र 124.59 करोड रूपये हो गया है। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन के लिए महिलाओं व एससी श्रेणी को 60 प्रतिशत और सामान्य श्रेणी को 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है।उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 के दौरान प्रदेश में लगभग 45519 एकड़ भूमि में मत्स्य पालन किया गया है और इसी वर्ष के दौरान 2925.31 लाख मत्स्य बीज संचय किया गया है, जिससे 2.03 लाख टन मत्स्य उत्पादन किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 के दौरान प्रदेश में 1440 लाख झींगा पालन बीज संचय किया गया है, जिससे 3120 मीट्रिक टन सफेद झींगा उत्पादन किया गया है।निदेशक ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2020-21 के दौरान लगभग 1232.50 एकड़ भूमि में झींगा पालन किया गया जबकि पंजाब में 850 एकड़ भूमि में इसका पालन किया गया है। जिसकी तुलना में हरियाणा में झींगा पालन पंजाब से अधिक है।इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान लाहली से डॉक्टर हरीकृष्ण, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से विभागाध्यक्ष डॉक्टर रचना गुलाटी,किसान सुलतान सिंह,सुनील लाठर सहित विभाग के अनेक अधिकारिओ ने मछली पालन के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में खारे पानी में झींगा पालन को बढावा देने के लिए जिला भिवानी के गांव गरवा में 25 एकड़ भूमि पर 25 करोड़ की लागत से मछली पालन के लिए उत्कृष्ट केन्द्र बनाया जाएगा। इस केन्द्र में मछली पालन के प्रशिक्षण के साथ साथ फीड मैनेजमेंट, बीज तथा कोल्ड स्टोरेज व प्रोसेसिंग यूनिट की व्यवस्था की जाएगी।

कार्यक्रम में लाहली से मत्स्य संस्थान से डॉ. हरिकृष्ण, सीसीएस एच ए यू हिसार से डॉ रचना गुलाटी ने अपने विच प्रशिक्षण शिविर में एसडीएम जगदीश चंद्र, विभाग के संयुक्त निदेशक श्री पालराठी,उप निदेशक ईश्वर सिंह, उप निदेशक पवन कुमार, जिला मत्स्य पालन अधिकारी सिकंदर सांगवान, नपा चेयरमैन सुरेश खटक,राजेश केडिय़ा, पूर्व मार्केट कमेटी चेयरमैन अनिल झाझडिय़ा, सुनील तेबड़, संजय राहड़,विधानसभा संयोजक सुनील सिरसी,किसान सुनील लाठर, लाल सिंह, रमेश पोपली, रोहतास श्योराण, कर्मबीर चहडिय़ा, कृष्ण हेतमपुरिया व बलदेव ठेेकेदार सहित अनेक विभाग के अधिकारी , किसान व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

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