प्रधानमंत्री द्वारा तीनों काले क़ानून वापस लेने की घोषणा से किसान आंदोलन की हुई ऐतिहासिक जीत-चौधरी संतोख सिंह

अहंकारी सरकार को झुकना पड़ा।
सत्ता खोने के डर से झुकी सरकार।
क़ानून वापस लेने की घोषणा को अमल में लाने तक जारी रहेगा आंदोलन।
धरना स्थल पर प्रकाश पर्व एवं किसान आंदोलन की जीत का दिखा जोश।मिठाइयां बांटकर दी शुभकामनाएं।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आंदोलन की आगे की रूपरेखा का जल्द निर्णय होगा।

गुरुग्राम। दिनांक 19.11..2021 – संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने बताया कि आज किसान आंदोलन को लगातार 358 दिन हो गए हैं।आज प्रकाश पर्व पर गुरुनानक के चित्र पर माल्यार्पण करके तथा पुष्पांजलि अर्पित करके गुरु पर्व मनाया गया।इस अवसर पर दीपक प्रज्वलित किया गया।

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जून 2020 में पहली बार अध्यादेश के रूप में लाए गए सभी तीन किसान-विरोधी, कॉर्पोरेट-समर्थक काले कानूनों को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले की घोषणा की है।संयुक्त किसान मोर्चा उचित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेगा।अगर ऐसा होता है, तो यह भारत में एक वर्ष से चल रहे किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत होगी। हालांकि, इस संघर्ष में करीब 700 किसान शहीद हुए हैं। लखीमपुर खीरी हत्याकांड समेत, इन टाली जा सकने वाली मौतों के लिए केंद्र सरकार की जिद जिम्मेदार है।

संयुक्त किसान मोर्चा प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाना चाहता है कि किसानों का यह आंदोलन न केवल तीन काले कानूनों को निरस्त करने के लिए है, बल्कि सभी कृषि उत्पादों और सभी किसानों के लिए लाभकारी मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए भी है। किसानों की यह अहम मांग अभी बाकी है।इसी तरह बिजली संशोधन विधेयक को भी वापस लिया जाना बाकि है।

धरने को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा तीन काले क़ानून वापस लेने की घोषणा से किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत हुई है।उन्होंने कहा कि अहंकारी सरकार को झुकना पड़ा और सत्ता खोने के डर से सरकार ने तीनों काले क़ानून वापस लेने की घोषणा की है।उन्होंने कहा कि 700 से ज़्यादा किसानों ने किसान,ग़रीब,मज़दूर व आम आदमी के लिए लड़ते हुए अपना बलिदान दिया है और ये जीत उन्हीं किसानों के बलिदान की है। उन्होंने कहा कि एक साल से लाखों किसान दिल्ली के चारों तरफ़ तथा देश में जगह जगह धरनों पर बैठे हुए हैं, ये जीत उन लाखों किसानों,मज़दूरों,महिलाओं और बुजुर्गों के संघर्ष की है।इस अवसर पर दो मिनट का मौन रख कर शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी गई।

धरने को संबोधित करते हुए गजे सिंह कबलाना ने कहा कि सरकार ने एमएसपी के बारे में अभी कोई घोषणा नहीं की है। उन्होने कहा कि किसानों का भला तभी होगा जब एमएसपी की गारंटी का क़ानून बने। उन्होने कहा कि जल्द ही संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी और आंदोलन के आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा जो भी निर्णय लेगा उसी के अनुसार आगे कार्रवाई करेंगे।

आज धरने पर शामिल होने वालों में अनिल पंवार,बलवान सिंह दहिया,जयप्रकाश रेढू,तरविंदर सैनी,तारीफ़ सिंह गुलिया,नवनीत रोज़खेड़ा,अमित पवार, जितेन्द्र रोजखेड़ा,अमित नेहरा,मुकेश डागर,हरि सिंह चौहान,मनीष मक्कड, तेजपाल यादव,डॉक्टर सारिका वर्मा,सवनीत कौर,आर सी हुड्डा, अनुष्का हुड्डा,रोहतास मान, सतीश खटकड,योगेश्वर दहिया,पंजाब सिंह,फ़ूल कुमार,रामनिवास यादव,रमेश दलाल,कमलदीप,प्रेम सिंह सहरावत एडवोकेट,तनवीर अहमद, श्रवण कुमार, बलबीर सिंह,समय सिंह एडवोकेट, सुदेश एडवोकेट,रमेश दलाल,जगमाल मालिक,मनोज झाड़सा,पी के गहलोत, जैपाल धनकड़,योगेश कुमार,ईश्वर,सुरेन्द्र जांगड़ा,दलबीर सिंह मलिक,रिटायर्ड विंग कमांडर एमएस मलिक,सुरेंदर ढिल्लों,राजबीर कटारिया, सतीश दहिया,रणजेय सिंह तथा अन्य व्यक्ति शामिल थे।

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