सोहना। बाबू सिंगला इसको नगर परिषद प्रशासन की मनमानी कहें अथवा लापरवाही। जो करीब एक सप्ताह से एक चोटग्रस्त नंदी अपने जख्मों को लेकर बाजारों में घूम रहा है। किंतु उसकी मूक गुहार को कोई भी प्रशासनिक अधिकारी सुनने के लिए तैयार नहीं है। जबकि नंदी की गुहार को जागरूक नागरिकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी उजागर कर दिया है। परंतु फिर भी अधिकारियों के सिर पर कोई जूं नहीं रेंगी है। ऐसा होने से अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगने लगे हैं। एक ओर जहाँ सरकार पशुओं की सुरक्षा व उनको बचाने के लिए नित नई योजनाएं बनाकर लाखों रुपये खर्च करने में लगी है, वहीं दूसरी ओर सोहना कस्बे में एक चोटग्रस्त नंदी अपने शरीर में लगी चोटों को लेकर बाजारों में घूम रहा है। जिसकी चोटों का इलाज कराने के लिए कोई भी प्रशासनिक अधिकारी ने आजतक भी कोशिश नहीं की है। उक्त नंदी इधर से उधर खुले रूप में बिलबिलाता घूम रहा है। जिसके शरीर पर मक्खियां भिनभिना रही हैं। यह मामला सोशल मीडिया में भी तेजी से उजागर हो रहा है। परंतु अभी तक भी नंदी का इलाज नहीं हो सका है। कस्बे के प्रबुद्ध व जागरूक नागरिकों क्रमशः आर्य समाज प्रधान महेश आर्य, सनातन धर्म प्रधान नरेश पाहुजा, व्यापार मंडल प्रधान अशोक गर्ग, कपड़ा यूनियन प्रधान प्रदीप सिंगला टोनी, व्यापारी नेता अनुज गुप्ता, समाजसेवी आनंद गर्ग, पूर्व पार्षद डॉक्टर सतीश तंवर आदि ने प्रशासनिक अधिकारियों से चोटग्रस्त नंदी का तुरन्त इलाज कराने को कहा है। Post navigation प्रदेश में निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों पर सरकार 26 नवंबर को सौंपेगी ईवीएम मशीन पीड़ित व्यक्ति की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दो बदमाशों को धर दबोचा