हरियाणा सरकार के दावे अलग, जनता की सोच अलग भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। आज सूचना प्राप्त हुई कि आगामी 20 नवंबर को नई दिल्ली में स्वच्छ अमृत महोत्सव में हरियाणा को ईनाम दिए जाएंगे और गुरुग्रामवासी होने के कारण यह जानकार मन एक बार प्रसन्न हुआ कि गुरुग्राम को गारबेज फ्री सिटी का दर्जा दिया गया है और गुरुग्राम के साथ यह सम्मान रोहतक को भी मिलेगा। इसके साथ-साथ हरियाणा में एकमात्र सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज भी गुरुग्राम नगर निगम को दिया जाएगा। यह पढ़कर मन में विचार आया कि जिस गुरुग्राम में जगह-जगह कूड़े के खत्ते बने हुए हैं, जिन्हें निगम अधिकारी और गुरुग्राम की सफाई कंपनी इकोग्रीन भी स्वीकारती है, फिर यह ईनाम कौन-सा सर्वेक्षण करके दिया जा रहा है। इसी वर्ष सीवर ब्लॉक होने के कारण अधिकांश गुरुग्राम के हिस्से बरसाती पानी में डूब गए थे। सवाल सीवर की सफाई पर भी उठ रहे हैं। इसके अतिरिक्त गुरुग्राम के निगम के सफाईकर्मी सदा अपने अधिकारों के लिए आंदोलनरत रहते हैं। इसके अतिरिक्त निगम ने जो सफाई के लिए ठेकेदार लगाए हैं, उनकी शिकायत आम जनता भी हमेशा करती रहती है।बड़ा प्रश्न यह है कि हरियाणा में दो शहर स्मार्ट सिटी के नाम से विकसित करने का वायदा सरकार ने किया था और वे दो शहर हैं फरीदाबाद और करनाल। और यह जो ईनाम गुरुग्राम और रोहतक नगर निगम को मिल रहे हैं, यह अपने आपमें स्पष्ट कह रहे हैं कि उन सरकार द्वारा घोषित स्मार्ट सिटी की हालत गुरुग्राम, रोहतक से खराब ही है। जैसा कि समाचार मिला कि स्मार्ट सिटी करनाल को थ्री स्टार रेटिंग मिली है, जबकि नगर निगम रोहतक को वन स्टार रेटिंग मिली है, सब गड़बड़झाला-सा ही लगता है। हम जनता की बात कह रहे हैं और जनता की बात ही कुछ हद तक जनता के चुने हुए पार्षदों को भी जनता को भ्रमाने के लिए निगम की सामान्य बैठक में कहनी पड़ती हैं तथा यदि उन्हीं बातों की ओर ध्यान करें तो निगम की हर बैठक में सफाई व्यवस्था के बारे में पार्षद अधिकारियों की शिकायत करते ही नजर आए हैं तो प्रश्न यह बड़ा होता है कि केंद्र सरकार का आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय किस प्रकार और किन मानकों और आंकड़ों पर अपना सर्वेक्षण करता है? ऐसा तो लगता नहीं कि वह सर्वेक्षण संस्था गुरुग्राम की असलियत देखने के लिए गुरुग्राम में भ्रमण किया होगा, क्योंकि यदि ऐसा किया होता तो गुरुग्राम को गारबेज फ्री सिटी घोषित नहीं करते। वह संस्था भी शायद अधिकारियों से पूछकर ही अपना सर्वेक्षण करती है। और यदि हरियाणा का सर्वेक्षण जिस संस्था ने वास्तव में जमीनी स्तर पर किया है और बाकी हरियाणा से तुलनात्मक रूप से गुरुग्राम साफ है और इसीलिए गुरुग्राम को ईनाम से नवाजा जाएगा तो यह सोचकर ही रूह कांप जाती है कि जो हिस्से रह गए हैं, उनकी स्थिति क्या होगा? कहा जाता है कि स्मार्ट सिटी अपने आपमें उदाहरण होती हैं हर प्रकार की सुख-सुविधाओं और साफ-सफाई का। और यहां सरकार की घोषित स्मार्ट सिटी फरीदाबाद और करनाल। और करनाल तो हमारे मुख्यमंत्री का गृहक्षेत्र है, फिर वह पिछड़े हुए क्यों हैं? और वास्तव में पिछड़े हुए हैं तो उनकी स्थिति गुरुग्राम की तुलना में क्या होगी, अनुमान लगाइए। Post navigation प्रदूषण नियंत्रित करने को लेकर मुख्यमंत्री ने की कमेटी गठित गुरुग्राम सहित दिल्ली एनसीआर में सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल, कालेज और शिक्षण संस्थान आगामी आदेशों तक रहेंगे बंद