हेलीमंडी में रात के अंधेरे में सीसी रोड खोज दबाये सीवरेज पाइप.
बढ़ते प्रदूषण के दृष्टिगत सभी प्रकार के निर्माण पर लागू है रोक.
सोमवार रात के अंधेरे में गुपचुप तरीके से निपटाया गया यह काम.
आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 और 60 हुई तार तार

फतह सिंह उजाला

पटौदी । एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड सहित डीसी के द्वारा जिला गुरुग्राम में 17 नवंबर बुधवार तक सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक, वाहनों की संख्या पर नियंत्रण, स्कूलों में अवकाश, नगर निगम नगर पालिका और निगम क्षेत्र में मैनुअल सफाई पर रोक सहित अन्य प्रकार की तमाम पाबंदियां लागू की गई हैं । जारी निर्देशों के मुताबिक जहां विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य प्राइवेट सेक्टर सहित ग्रामीण अंचल में भी पूरी तरह से बंद दिखाई देते हुए भवन निर्माण मजदूर भी घरों में बैठे हैं ।

इसके विपरीत जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग पटोदी के द्वारा हेली मंडी नगरपलिका इलाके में मुख्य प्रवेश सीसी सड़क मार्ग पर रात के अंधेरे में सीवरेज पाइप लाइन दबाने का कारनामा अंजाम दिया गया। इससे पहले जेसीबी की ड्रिल के द्वारा जितनी दूरी में पाइपलाइन दबाए जाने थे, वहां तक सीसी रोड को उखाड़ आ जा चुका था । इसी बीच में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर न्यायपालिका के दखल के बाद एनजीटी सहित जिला प्रशासन के द्वारा विभिन्न प्रकार की पाबंदियां लागू करते हुए आदेशों को सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए । वहीं संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी अन्य अधिकारियों को आदेशों की पालना की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई । यहां पर पंजाब नेशनल बैंक और गर्ल्स स्कूल की गली के मोड तक बीच में तीन सीवर हॉल रातों-रात बनाकर सीसी रोड की गहरी खुदाई कर दर्जनों सीमेंट के पाइप डालकर दबाए गए । यह कार्य एक या 2 दिन बाद में भी हो सकता था। लेकिन जिस प्रकार से अब यहां खुले में रेत और मिट्टी फैली हुई है , आने जाने वाले वाहनों के कारण यही मिट्टी और धूल उड़ कर कई दिन तक परेशानी का कारण भी बनी रहेगी। जब कि हेलीमंडी पालिका क्षेत्र में झाडू संे सफाई तक नहीं की जा रही, वहीं टैंकरों के द्वारा सड़कों पर घूल-मिट्टी उड़ने से रोकनेके लिए पानी का भी छिड़काव हो रहा है।

इतना सब होने के बावजूद सोमवार देर रात को चोरी-छिपे हेली मंडी नगरपालिका इलाके के मुख्य प्रवेश मार्ग पर पंजाब नेशनल बैंक से लेकर रामपुर गेट तक करीब 14 फुट तक की गहराई में खुदाई करके सीवरेज के सीमेंट के अनेक पाइप दबाकर किए गए कार्य स्थल को मिट्टी से ढक दिया गया। लेकिन यही मिट्टी और लगे मिट्टी के विशाल ढेर अब सरेआम चुगली कर रहे हैं कि किस प्रकार से आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग पटौदी के अधिकारियों के द्वारा अपनी कथित दबंगई दिखाते हुए पूरी तरह से अनदेखी की गई ।

मंगलवार को हेली मंडी के मुख्य प्रवेश मार्ग के उखाड़े गए सीसी रोड की खुदाई कर नीचे दबाए गए सीमेंट के दर्जनों पाइप के बाद कंक्रीट के मलबे को वापस डाल कर ऊपर से मिट्टी द्वारा ढक दिया गया। लेकिन जो मिट्टी डाली गई आखिर वह भी कहीं ना कहीं से खुदाई करके ही लाई गई और मंगलवार को वाहनों के आवागमन के चलते यही मिट्टी उड़ते हुए स्थानीय आसपास के दुकानदारों सहित आसपास के ग्रामीण इलाके से खरीदारी के लिए आने वाले लोगों के लिए परेशानी का भी कारण बनी रही। अभी 17 नवंबर बुधवार का पूरा दिन बाकी है , क्योंकि 17 अप्रैल बुधवार तक जिला गुरुग्राम में सभी नगर परिषद, नगर पालिका, ग्रामीण अंचल में भी वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए जो निर्देश जारी किए गए वह ज्यों के त्यों लागू रहेंगे । एक दिन पहले ही जिला प्रशासन के द्वारा यह भी चेतावनी दी गई है कि आदेशों की अवहेलना और अनदेखी करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 और 60 तथा आईपीसी की धारा 188 के तहत निरमा अनुसार कार्यवाही की जाएगी । लेकिन लगता है कि पटौदी के जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को एनजीटी सहित डीसी के द्वारा जारी आदेशों की कोई परवाह है और ना ही वायु प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल करने में अपना सहयोग देने की अथवा करने की इच्छा बाकी रह गई है। 

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