कहा- देश का किसान जीतेगा, भाजपा का अहंकार टूटेगा सिरसा, 28 अक्तूबर: ऐलनाबाद उपचुनाव में इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला ने कहा कि वे हमेशा किसान और कमेरे वर्ग का सम्मान बरकरार रखेंगे और जनता के आशीर्वाद से एक बार फिर हरियाणा विधानसभा में किसानों की आवाज को बुलंद करुंगा। वे गुरुवार को गांव रंधावा, निर्बाण, रूपाणा, मानक दीवान, दड़बा, लुदेसर, हंजीरा, रामपुरा ढिल्लों, राजपुरा साहनी, जसानिया, कागदाना, जोगीवाला, शक्करमंदौरी सहित करीब दो दर्जन से अधिक गांवों में डोर टू डोर कर लोगों से अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें 36 बिरादरी का समर्थन हासिल है और वे मुझे पुन: हरियाणा विधानसभा में भेजना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में देश का किसान जीतेगा और भाजपा का अहंकार टूटेगा। उन्होंने कहा कि मैंने किसानों के हित में अपने पद से त्यागपत्र देकर कोई एहसान नहीं किया बल्कि जनता की आवाज और मांग के अनुसार ही कदम उठाया। उन्होंने कहा कि वे चौधरी देवी लाल के पौत्र हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री पद ठुकरा दिया था, ऐसे में वे किसान और कमेरे वर्ग के उत्थान और हित के लिए कोई भी कदम उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मौजूदा सरकार पूंजीपतियों को पोषित करने वाली सरकार है और उन्हें निरंतर बढ़ रही महंगाई के कारण पिस रही गरीब जनता का दुख समझ में नहीं आता। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पिछले करीब 11 माह से अधिक समय तक किसान देश की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर गर्मी-सर्दी में संघर्ष कर रहा है मगर भाजपा सरकार उनकी मांगों के प्रति उदासीन बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अपनी हार से बौखलाकर भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार लोगों को उनके संदर्भ में गुमराह करने पर आमादा हैं मगर उन्हें भरोसा है कि ऐलनाबाद की जनता का प्यार उनके साथ है और वे भारी मतों से उन्हें विजयी बनाकर पुन: हरियाणा विधानसभा भेजेंगे। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि उन्होंने ऐलनाबाद की जनता से पूछकर ही अपने पद से त्यागपत्र दिया था और अब उन्हीं के आदेशानुसार चुनाव लड़ रहा हूं। इस डोर टू डोर अभियान में उनके साथ इनेलो जिलाध्यक्ष कश्मीर सिंह करीवाला, अभय सिंह खोड, विनोद बेनीवाल, धर्मवीर नैन, राजेंद्र बरासरी, डॉ. विनोद गोदारा, दिनेश बेनीवाल, महेंद्र बाना, अशोक ब्यूटी व अरविंद बेनीवाल भी मौजूद थे। Post navigation क्या ऐलनाबाद में कांग्रेस तीसरी बार बाजी मारेगी ? यूपी-पंजाब चुनाव में हार सामने देखकर वापस लिए कृषि कानून: किरण चौधरी