-खुद अनुभाग अधिकारी ने शिक्षा निदेशालय को शिकायत देकर उजागर किया फर्जीवाड़ा -भिवानी जिला शिक्षा अधिकारी ने लिपिक को दिया गलत तरीके से सैनिक सेवा का लाभ – खंड शिक्षा अधिकारी तोशाम कार्यालय में तैनात है लिपिक -स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने उठाई उच्च स्तरीय जांच की मांग -बृजपाल सिंह बोले: फर्जीवाड़े में कई आला अधिकारी नपेंगे भिवानी, 28 अक्तूबर। सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय के अनुभाग अधिकारी की स्टैंप और फर्जी हस्ताक्षर से भिवानी जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह द्वारा एक लिपिक को गलत तरीके से सेवा लाभ पहुंचाने का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। इस फर्जीवाड़े से लिपिक के वेतन बढ़ोतरी के जरिए हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग को भी करीब 15 से 20 लाख का चूना लगने की कोशिश की है। खुद अनुभाग अधिकारी जगपाल ने अपने फर्जी हस्ताक्षर के जरिए लिपिक को अनुचित सेवा लाभ पहुंचाने की शिकायत शिक्षा निदेशालय को दी। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को देकर उच्च स्तरीय जांच कराए जाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। बृजपाल सिंह परमार ने अपनी शिकायत में बताया कि भिवानी के डीईओ अजीत सिंह ने तोशाम खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात लिपिक दिनेश कुमार को गलत तरीके से भूतपूर्व सैनिक का वेतन निर्धारण कर अनुचित सेवा लाभ दे दिया। लिपिक को अनुचित सेवा लाभ देने के लिए निदेशालय के अनुभाग अधिकारी जगपाल के फर्जी हस्ताक्षर किए गए और उसकी फर्जी स्टैंप भी लगाई गई। लिपिक को 15 से 20 लाख रुपये का अनुचित लाभ पहुंचा हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग को भी चूना लगाने की कोशिश की। जब अनुभाग अधिकारी जगपाल को इसकी भनक लगी तो उसने मामले में अपने फर्जी हस्ताक्षर व स्टैंप लगाने की शिकायत शिक्षा निदेशालय को कर दी। अनुभाग अधिकारी ने फर्जीवाड़े में शामिल अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है ताकि भविष्य में ऐसे कोई न कर सके और अन्य के लिए भी उदाहरण बने। जिसके बाद शिक्षा निदेशालय में भी हड़कंप मचा है। बृजपाल सिंह परमार ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर इस तरह का फर्जीवाड़ा किया है, क्योंकि लिपिक बीईओ तोशाम कार्यालय में तैनात है, इस मामले में डीडीओ तोशाम बीईओ होते हैं। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि निदेशालय के अनुभाग अधिकारी जगपाल ने भी शिक्षा निदेशालय को अपने फर्जी हस्ताक्षर और स्टैंप लगाने की शिकायत में पुष्टि कर इस प्रकरण की जांच की मांग उठाई है। शिक्षा विभाग में इस तरह का ये बड़ा फर्जीवाड़ा और विभागीय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करने वाला प्रकरण है। बृजपाल सिंह परमार ने कहा कि मामले में उच्च स्तरीय जांच हुई तो शिक्षा विभाग के कई आला अधिकारी भी नपेंगे। Post navigation 350 लघु उद्योगों के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री जेपी दलाल को बिनौला सीड से एलएल फार्म खत्म कराने को ज्ञापन सौपा सिवानी कैनाल के पंप हाउसों को दुरुस्त करने के लिए 52 करोड़ मंजूर: कृषि मंत्री जेपी दलाल