Category: हिसार

बढ़ती महंगाई बढ़ते दाम कोरोना ने कर दिया जीना हराम:

~कोरोना काल में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फलों के दाम छू रहे हैं आसमान, कैसे खरीदे गरीब हिसार । कोविड-19 की दूसरी लहर में संक्रमण और मौत दोनों का आंकड़ा बढ़ता…

मोदी विरोध के साथ अच्छा शोध भी तो जरुरी है.

विपक्षी दलों को भी एक महागठबंधन बनाकर कोरोना के विरुद्ध युद्ध का बिगुल फूंकना चाहिए ताकि उनकी देश भक्ति रंग लाये. राज्य सरकारों को कुछ अलग करके दिखाना चाहिए ताकि…

हिसार में मुख्यमंत्री का विरोध, किसानो ने DSP को पिटा, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

हिसार । मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर आज हिसार स्थित ओपी जिंदल मॉडर्न स्कूल में चौधरी देवीलाल संजीवनी अस्पताल का शुभारंभ करने पहुंचे. रामायण टोल और सातरोड नहर के पास…

विरोध करते रह गए आंदोलनकारी, सीएम मनोहर लाल ने हिसार में 500 बेड के अस्थाई कोविड अस्पताल का किया शुभारंभ

हिसार । हिसार जिले में रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ओपी जिंदल मॉडर्न स्कूल में बना चौधरी देवी लाल संजीवनी हॉस्पिटल का शुभारंभ किया है. सातरोड नहर और…

पत्रकारिता व्यापार नहीं हो सकती और ऐसा होने पर प्रतिष्ठा न रहेगी : राजकुमार सिंह

–कमलेश भारतीय अखबार या पत्रकारिता कभी भी व्यापार नहीं हो सकते । यदि दुर्भाग्यवश ऐसा हो जाये तो इसकी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता नहीं रहेगी। यह कहना है लोकप्रिय समाचारपत्र दैनिक…

मंच पर श्रेष्ठ रचना ही दीजिए , अच्छी रचना ही सराहते हैं श्रोता : डाॅ कीर्ति काले

-कमलेश भारतीय मंच पर अपनी श्रेष्ठ रचना ही दीजिएक्योंकि श्रोता अच्छी रचनाएं ही सुनना पसंद करते है । यह कहना है प्रसिद्ध कवयित्री डाॅ कीर्ति काले का । न्यूज चैनल…

असंतुष्टों को मनाने के दिन आए

कमलेश भारतीय आखिर कांग्रेस ने जी -23 समूह यानी असंतुष्टों को मनाने की कोशिश शुरू कर दी है । पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद यह भी तय हो…

इमेज बनाने के अलावा बहुत कुछ है

-कमलेश भारतीय प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ने बड़ी काम की बात कही है कि इमेज बनाने के अलावा भी ज़िंदगी में बहुत कुछ है । हालांकि अनुपम खेर प्रधानमंत्री नरेंद्र…

चाहे देश का नाम रख दो अब क्या फायदा ?

-कमलेश भारतीय यह मैं नहीं कह रहा । देश का नाम दुनिया भर में संगीत के क्षेत्र में रोशन करने वाले पंडित राजन मिश्रा का बेटा रितेश मिश्रा कह रहा…

हिंदी पत्रकारिता का विस्तार तो हुआ लेकिन उसके आदर्श कहीं खो गए:  डाॅ गोविंद सिह 

-कमलेश भारतीय हिंदी पत्रकारिता का विस्तार तो सन् 1990 के बाद बहुत हुआ और नौकरियां भी खूब मिलीं लेकिन पत्रकारिता के मूल्य /आदर्श नहीं रहे । यह कहना है वरिष्ठ…