मंच पर श्रेष्ठ रचना ही दीजिए , अच्छी रचना ही सराहते हैं श्रोता : डाॅ कीर्ति काले

-कमलेश भारतीय

मंच पर अपनी श्रेष्ठ रचना ही दीजिए
क्योंकि श्रोता अच्छी रचनाएं ही सुनना पसंद करते है । यह कहना है प्रसिद्ध कवयित्री डाॅ कीर्ति काले का । न्यूज चैनल पर होने वाले कवि सम्मेलनों में असल में कविताओं जैसी रचनाएं होती हैं पर शुद्ध कविताएं नहीं होतीं । मूल रूप से ग्वालियर निवासी कीर्ति काले ने वहीं से एम ए हिंदी, बी एड और पीएचडी तक शिक्षा प्राप्त की लेकिन कभी कोई नौकरी नहीं की ।

-कब से लिखना शुरू किया ?
-जब स्कूल में पढ़ती थी तब संचयिका पर एक काव्य प्रतियोगिता में अध्यापिका ने भेजा और प्रथम पुरस्कार मिला ।

-ग्वालियर में लेखन का कैसा माहौल था ?
-बहुत ही बढ़िया माहौल । मुकुट बिहारी सरोज , आनंद मिश्र , जहीर कुरैशी, सत्य प्रकाश अनुरागी, अन्नपूर्णा भदौरिया , माधुरी शुक्ला दीक्षित और महेश कटारे , प्रकाश दीक्षित जैसे कवि हमारे ग्वालियर की शोभा हैं जिनका देश भर में नाम है । पहले पहले मैं कवि गोष्ठियों में जाती थी फिर कवि सम्मेलनों में भी बुलाया जाने लगा।

-दिल्ली कैसे ?
-शादी के बाद दिल्ली आ गयी ।

-मंच कवि और दूसरे कवि में क्या फर्क होता है ?
-वैसे तो कोई फर्क नहीं होता पर फर्क होता है प्रस्तुति का । मंच कवि में न केवल कविता लिखने बल्कि प्रस्तुत करने की दोहरी क्षमता होती है । मंच कवि समय और स्थिति के अनुसार कविता पढ़ता है । सभी श्रोआओं का बौद्धिक स्तर एक सा नहीं होता । वैसे संगीत , नाटक ,फिल्म सबका स्तर बदल रहा है समय के साथ साथ । कभी पूरी पूरी रात के कवि सम्मेलन होते थे । टेस्ट मैचों की तरह । अब टी ट्वेंटी हो गये ।

-क्या बदलाव आया है ?
-सब तरह का बदलाव आया है । व्यवस्था, स्तर और कविताओं में ।पहले कविता की मात्रा ज्यादा होती थी , अब धन की मात्रा बढ़ गयी है ।

-कोई ऐसा कवि सम्मेलन जो सुखद हो ?
-जयपुर का गीत चांदनी सम्मेलन जो कम से कम आधी शती से आयोजित हो रहा है और उसमें मैं ग्यारह वर्ष से जा रही हूं । पिछले वर्ष कोरोना के कारण नहीं हो पाया । इसे तरूण समाज आयोजित करता है । यह शरद पूर्णिमा के आसपास होता है । विशुद्ध गीत सम्मेलन।

-आपकी प्रिय कवयित्री ?
-सहारनपुर की इंदिरा गौड़ । इनका पिछले वर्ष निधन हो गया । रश्मि शुक्ला और युवा कवयित्रियों में उल्लेखनीय हैं , मनीषा शुक्ला ।

-कोई गीत रिकार्ड हुआ आपका ?
-बिल्कुल । यू ट्यूब पर भी आ चुका है और एक फिल्म के लिए फिल्माया गया है ।

-कितनी किताबें अब तक ?
-गीत संग्रह-हिरणीवाला मन , समकालीन कवयित्रियों की लोकप्रिय कविताएं । साक्षात्कार संग्रह -बातों बातों में । अभी तीन संस्मरणात्मक पुस्तकें आने वाली हैं। व्यंग्य पुस्तक भी आयेगी ।

-सम्मान जो आपको मिले?
-इंद्रप्रस्थ भारती का सत्यपाल चुघ स्मृति पुरस्कार, हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग का युवा कवयित्री सम्मान, ब्रिटेन से सम्मान सहित अनेक सम्मान।

-लक्ष्य ?
-कुछ ऐसा लिखूं जिससे मानवता को लाभ हो । कोई उपन्यास या महाकाव्य ।

-न्यूज चैनल के कवि सम्मेलनों पर क्या कहेंगी?
-ये कविताएं जैसी होती हैं पर कविताएं नहीं होतीं। बस । राजनीति पर त्वरित टिप्पमणियां मात्र होती हैं।

-कोई सीख या मंत्र ?
-मंच पर अपनी श्रेष्ठ रचना ही सुनायें ।
हमारी शुभकामनाएं डाॅ कीर्ति काले को । आप इस नम्बर पर अपनी प्रतिक्रया दे सकते हैं : 9868269259

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