Category: हिसार

पोर्श‌ कार कांड : यह हमारा लाइफ स्टाइल…. ?

-कमलेश भारतीय पुणे का पोर्श कार कांड फिर‌ यह सोचने पर विवश कर रहा हैं कि क्या यह हमारा लाइफ स्टाइल है या नहीं? पुणे में एक नाबालिग बेटे को…

भाजपा ने किसान, जवान व खिलाड़ियों को बर्बाद कर दिया : सुनैना चौटाला

-कमलेश भारतीय भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने कहा कि हरियाणा का गौरव तीन बातों के लिए जाना जाता है-किसान, जवान और खिलाड़ी ! अफसोस इस बात का है…

वोटर लिस्ट में बढ़ती महिलाएं संसद में कब बढ़ेगी ?

महिलाओं का वोट 48%, फिर सीटें 14% ही क्‍यों? भारत की महिला मतदाता; एक ताकत है जिसे गिना जाना चाहिए। राजनीतिक दल कल्याणकारी योजनाओं और रियायतों के वादों के साथ…

भीषण गर्मी में राजनीति का बुखार …….

-कमलेश भारतीय पंजाबी में एक गाने की पंक्तियां हैं :मैंनूं गर्मी दा हो गया बुखारमैं न बचदी ! अब यही गर्मी का बुखार हरियाणा भर में राजनेताओं का हो रहा…

राजनीतिक हस्तक्षेप से त्रस्त शिक्षा संस्थान ……..

विश्वविद्यालय शैक्षणिक सुधारों के बजाय राजनीतिक हितों के पोषण का केंद्र न बनने पाएं। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति केंद्र सरकार और राज्यों के विश्वविद्यालयों में राज्य सरकारें करती…

महाविजय संकलन रैली ………. कांग्रेस घोटालों का नाम और भाजपा विकास का नाम

-कमलेश भारतीय हिसार : कांग्रेस जहां घोटालों का नाम है तो भाजपा विकास का नाम है। यह कहना है केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का। वे हिसार में महाविजय संकल्प रैली…

स्वाति मालीवाल : पिक्चर अभी बाकी है, दोस्त

-कमलेश भारतीय स्वाति मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर जो कुछ भी हुआ, उसकी पिक्चर अभी बाकी है, दोस्त ! जो कुछ दिखा है, उससे ज्यादा…

शहजादे और दामादों वाली कांग्रेस को 40 सीटें भी नहीं मिलेंगी : गृहमंत्री अमित शाह

हिसार में बोले अमित शाह, पूर्व सीएम हुड्डा दामाद के दरबारी बने हुए थे चुनाव से पहले भारत जोड़ो यात्रा निकालने वालों को 4 जून के बाद निकालनी होगी कांग्रेस…

स्वाति मालीवाल : राजनीति में यह हाल…

-कमलेश भारतीय बड़ा ही अजीब लग रहा हैं कि आप की सांसद व कभी महिला आयोग की भी अध्यक्ष स्वाति मालीवाल अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी…

परिवार दिवस विशेष ….. फूट-कलह ने खींच दी, हर आँगन दीवार !

आखिर क्यों बदल रहे हैं मनोभाव और टूट रहे परिवार भौतिकवादी युग में एक-दूसरे की सुख-सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा ने मन के रिश्तों को झुलसा दिया है. कच्चे से पक्के होते…

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