-कमलेश भारतीय

पंजाबी में एक गाने की पंक्तियां हैं :
मैंनूं गर्मी दा हो गया बुखार
मैं न बचदी !

अब यही गर्मी का बुखार हरियाणा भर में राजनेताओं का हो रहा है । गर्मी का तापमान 47 डिग्री से ऊपर जा रहा है तो राजनीतिक रैलियों का तापमान भी बढ़ता जा रहा है। अब भाजपा के बड़े स्टार प्रचारक हरियाणा में आ चुके हैं यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चाणक्य अमित शाह ! प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तरी हरियाणा में कहा, कि हरियाणा वाले धाकड़ होते हैं और मैंने भी दस साल हरियाणा की रोटियां खाईं हैं, जिससे दस साल धाकड़ सरकार चलाई है ! इसी प्रकार अमित शाह ने कहा कि हरियाणा जवान, किसान वर्ष खिलाड़ियों के लिए जाना जाता है। यहां से जवान सबसे ज्यदा देश के लिए शहीद होते हैं और खिलाड़ी सबसे ज्यादा मेडल लाते हैं! किसानों ने अनाज से भंडार भर दिये! धन्य है हरियाणा !

राम मन्दिर बनवाने, धारा 370 हटाने, देश की सुरक्षा के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने और अब पीओके पर कब्ज़ा करने के ख्बाब दिखाये जा रहे हैं ! इतना ही भरोसा था, फिर जम्मू कश्मीर में चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे?

अब हरियाणा की धाकड़ छोरियां दिल्ली में यौन शोषण के विरोध में धरने पर बैठी रहीं, तब इनसे मिलने का समय नहीं निकाला ? यह सवाल भी हवा में है !

विरोधियों के जवाब दक्षिण हरियाणा के युवा सबसे ज्यादा सेना में भर्ती होने के लिए तैयारियां करते थे लेकिन उन्हें मिली अग्निवीर योजना ! यह कहना है रिटायर्ड मेजर जनरल बिशंभर दयाल का ! हरियाणा में सेना में भर्ती दर गिर गयी । सेना में भर्ती होने का आकर्षण कम हुआ, यह कहना है बिशंभर दयाल का !

किसान नेताओं का कहना है कि किसानों को मिले तीन कृषि कानून, जिनके विरोध में एक साल से ऊपर धरना प्रदर्शन कर और लगभग सात सौ किसानों की कुर्बानी के बाद ये कानून वापस लिये गये, यह किसान नेताओं का कहना है । अब भाजपा नेताओं को किसानों के सवालों का सामना न करना पड़े इसलिए इनकी रैलियों से पहले किसान नेताओं को घरों में नज़रबंद कर दिये जाने की नौबत क्यों आई? हर रैली के समय किसान नेता घरों में नज़रबंद क्यों? यही तो समय है सवाल पूछने का, रिपोर्ट कार्ड मांगने का ! अभी एम एस पी की लड़ाई चल रही है। हमारा दिल्ली तक का रास्ता रोका गया, अब हम भी दिल्ली के संसद भवन‌ तक जाने का रास्ता रहे रहे हैं ! फिर नज़रबंदी क्यों?

रिपोर्ट कार्ड तो जजपा से भी मांगा जा रहा है और कांग्रेस से भी ! कहां थे आप जब रसोई गैस सिलेंडर एक हजार के पार पहुंच गया और अब चार सौ पार का नारा ! इस महंगाई से जनता कहां जाये? पेट्रोल, डीज़ल के रेट भी सौ के पार कब के पहुंच लिए, क्या और आगे जायेंगे या थम जायेंगे? तब कांग्रेस ने इसके विरोध में कोई आंदोलन क्यों नहीं चलाया ?

अभी दो चार दिन और बाकी हैं और ये राजनीतिक गर्मी बढ़ती ही जायेगी !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी. 9416047075

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