Category: विचार

घोटाले और चुनाव का संगम ?

कमलेश भारतीय क्या घोटाले और चुनावों का कोई संगम है ? क्या राजनीति और घोटाले एक दूसरे के बिना अधूरे हैं ? राजनीति में सदाचार की बजाय भ्रष्टाचार ही मुख्य…

अहंकार किसमें ? ………….कांग्रेस या भाजपा में ?

-कमलेश भारतीय राहुल गांधी की याचिका सूरत कोर्ट में खारिज हो गयी । यदि खारिज न होती तो इनकी लोकसभा सदस्यता बचने की राह प्रशस्त हो सकती थी । अभी…

भ्रष्टाचार से आजादी ही असल आजादी

हम बेवकूफ इसलिए बनाए जा रहे है, क्योंकि हम बेवकूफ है। हमारे हक इसलिए छीने जाते है ,क्योंकि हम दूसरो को छीनने की कोशिश करते है। हमारे साथ भ्रष्टाचार इसलिए…

अतीक/अशरफ माफिया का अंत ……… फिल्मी एनकाउंटर से भी ऊपर

-कमलेश भारतीय अपराध और माफिया पर फिल्मी दुनिया मुम्बई में अनेक फिल्में बनी हैं जिनमें डाॅन सबसे ज्यादा चर्चा में है जो दो दो बार बनाई गयी । हाजी मस्तान,…

न खालिस्तान, न गजवा-ए-हिंद और न ही हिंदू राष्ट्र

योगेन्द्र यादव जिन्हें खालिस्तान चाहिए, जो गजवा-ए-हिंद का सपना देखते हैं या जो हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं उनके लिए भारत में कोई जगह नहीं है। यह तीनों विचार भारत…

प्रजातंत्र का धनुष नारियों के हाथ में

पूजा गुप्ता भारत के पुरुष प्रधान देश में विकास के साथ-साथ तकनीकी विकास भी बहुत हो रहा है। अब बारी नारी प्रधान देश बनाने की। आर्थिक, राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं…

मीडिया और सत्ता दोनों को आइना !

–कमलेश भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने न केवल सत्ता बल्कि मीडिया को भी आइना दिखा दिया । यह फैसले की घड़ी आई मलयाली न्यूज चैनल पर केंद्र द्वारा रोक लगाने पर…

“बलात्कार के दोषी कौन ? “

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2019 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 32,033 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए या औसतन 88 मामले प्रतिदिन दर्ज किए गए।…

पुरस्कारों का बढ़ता बाजार,,,,,,,,,

पुरस्कारों के बढ़ते बाजार के में देने और लेने वाले दोनों कि भूमिका है। देने वाले अपने आप खत्म हो जायेंगे अगर लेने वाले न बने। हमें किसी भी पुरस्कार…

error: Content is protected !!