Category: विचार

ऑनलाइन गेमिंग से बच्चों पर दुष्प्रभाव : मामले की संसदीय शीतकालीन सत्र में गूंज ……….

भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का लिखित उत्तर पेश प्रौद्योगिकी के नए युग में बच्चों पर पढ़ने वाले मानसिक शारीरिक व भावनात्मक प्रभावों को रेखांकित करना ज़रूरी शिक्षा मंत्रालय…

गठबंधन का कोई धर्म होता है क्या ?

-कमलेश भारतीय आजकल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के चयन में फिर से ‘गठबंधन धर्म’ की चर्चा सुनते यह सवाल मन को मथने लगा कि क्या गठबंधन का कोई धर्म भी होता…

एकनाथ शिंदे: हम कहां तक तेरे पहलू से खिसकते जायेंगे !

-कमलेश भारतीय इतिहास बताता है साफ साफ कि कभी जयचंदों को राज नहीं मिले, सदा इनाम ही मिले हैं! महाराष्ट्र में महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा के देवेंद्र…

साहित्य आज तक ……….. या साहित्य का बाज़ार ?

-कमलेश भारतीय इन दिनों ‘साहित्य आज तक’ कार्यक्रम की बड़ी धूम है और गुलज़ार, जावेद अख्तर, नरेश सक्सेना, प्रसून जोशी आदि सितारे इस मंच पर उदय होते देख रहा हूं…

पूजा स्थलों के लिए झगड़े : धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हमारी सांस्कृतिक प्रथाओं के लिए मारकाट कब थमेगी?

भारत में धार्मिक स्थलों पर चल रहे विवाद, विशेष रूप से ऐतिहासिक धर्मांतरण के दावों से जुड़े विवादों ने सांप्रदायिक संवेदनशीलता को बढ़ा दिया है। वाराणसी और मथुरा में इसी…

किताबी शिक्षा बनाम व्यवहारिक शिक्षा : डिग्रीयां तो पढ़ाई के खर्चे की रसीदें है – ज्ञान तो वही है जो किरदार में झलके

व्यवहारिक शिक्षा और ज्ञान में परिपक्व व्यक्तित्व का किरदार किताबी ज्ञान की डिग्री लेने पर सोने पर सुहागा होगा – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया – सृष्टि में अनमोल बौद्धिक…

कांग्रेस के लिए फिर मंथन की बेला …..

-कमलेश भारतीय महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव परिणाम से एक बार फिर यह बात सामने आई कि कांग्रेस के लिए मंथन की बेला आ गयी है । महाराष्ट्र में महाअघाड़ी…

अब विदेश में हुआ अडाणी का चर्चा ?

-कमलेश भारतीय अभी तक पिछले दस साल से दो उद्योगपतियों के नाम की चर्चा गर्म रही लेकिन अब यह पहली बार है जब विदेश में भी अडाणी की चर्चा हो…

सामयिक व्यंग्य : एग्जिट पोल ……. जल्दबाजी न करना, कई बार ‘जलेबियां’ बंट जाती है !

सुशील कुमार ‘नवीन’ शनिवार को महाराष्ट्र और झारखंड के साथ पांच राज्यों में हुए उपचुनाव का परिणाम घोषित होगा। दोपहर तक लगभग स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। दोनों चरणों को मिलाकर…

अकेले पड़ते बुजुर्गों की बढ़ती मुश्किलें : बुजुर्ग आबादी को न केवल आर्थिक असुरक्षा बल्कि सामाजिक अलगाव का भी समाधान चाहिए

भारत में पहले से कहीं ज़्यादा बुज़ुर्ग लोग हैं। उनमें से ज़्यादातर के पास सामाजिक सुरक्षा बहुत कम है और वे स्वास्थ्य सेवा का ख़र्च नहीं उठा सकते। जबकि सरकार…

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