Category: देश

क्यों इतनी घुमक्कड़ी करने लगे हिन्दुस्तानी ………

पिछले साल यानी 2022 में करीब दो करोड़ हिन्दुस्तानी देश से बाहर घुमक्कड़ी के लिए निकले। यह कोई छोटा-मोटा आंकड़ा नहीं है। एक घुमक्कड़ विदेश में कम से कम हजार…

आम आदमी पार्टी की स्थापना दिवस पर बोले अरविंद केजरीवाल, “आप” का एक-एक कार्यकर्ता देश को बचाने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने को तैयार

साल 2012 में संविधान दिवस के दिन ही हम सबने मिलकर आम आदमी पार्टी की स्थापना की थी, सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं – अरविंद केजरीवाल आज जनता के प्यार और…

सोशल मीडिया पर नग्नता का नंगा नाच ………

जीवन का चरमसुख अब फॉलोअर्स पाने और कमेंट आने पर निर्भर हो गया है। फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर नग्न अवस्था में तस्वीरें शेयर कर आज लड़कियां लाइक कमेंट पाकर खुद…

क्यों नहीं अभिभावकों को सरकारी स्कूलों पर भरोसा ?

हालिया अध्ययन ने पुष्टि की है कि शिक्षा की खराब गुणवत्ता के कारण माता-पिता को सरकारी स्कूलों पर भरोसा नहीं है और वे अपने बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला…

स्वतंत्रता खो रही पत्रकारिता- -डॉ. प्रियंका सौरभ

आज पेड न्यूज, मीडिया ट्रायल, गैर-मुद्दों को वास्तविक समाचार के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जबकि वास्तविक मुद्दों को दरकिनार किया जा रहा है, वास्तविक और समाज हित…

स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता का अभाव झेलती मीडिया

डॉ. सत्यवान ‘सौरभ’ हाल के वर्षों में मीडिया की भूमिका बदली है। स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता का घोर अभाव है। समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए मीडिया के बड़े पैमाने…

‘सनातन धर्म’ के बदलते अर्थ …….

“सनातन धर्म” शब्द को कैसे हेरफेर और हथियार बनाया गया है और हिंदू धर्म के ढांचे के भीतर जाति-विशेषाधिकार प्राप्त हिंदुओं की जाति भेदभाव को संबोधित करने में क्या जिम्मेदारियां…

बढ़ते हुए तलाक कर रहे सामाजिक ताने-बाने ख़ाक …….

पश्चिमी मीडिया और वैश्वीकरण के प्रभाव ने भारतीय समाज की प्रेम और रिश्तों की धारणा को प्रभावित किया है। युवा पीढ़ी पारंपरिक पारिवारिक अपेक्षाओं की तुलना में व्यक्तिगत खुशी और…

क्यों भारत चाहता है बांग्लादेश में शेख हसीना की वापसी

आर.के. सिन्हा ………. पूर्व सांसद पड़ोसी देश बांग्लादेश में 12वां संसदीय चुनाव 7 जनवरी, 2024 को होगा और जाहिर तौर पर भारत की इन चुनावों पर करीबी नजर रहने वाली…

चिंताओं से घिरा भारत का मध्यम वर्ग ………

मध्यम वर्ग के लोगों की चिंताओं का कोई अंत नहीं होता। क्योंकि ये बच्चों को लायक बनाने में अपना पूरा जीवन निकाल देते हैं। फिर उस अनुरूप बच्चों का विवाह…

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