Tag: – -प्रियंका सौरभ

प्रेस दिवस विशेष : पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग प्रेस की गरिमा के लिए खतरनाक ………

राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते राजनेताओं और मीडिया घरानों के बीच सांठगांठ के परिणामस्वरूप अक्सर पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग होती है और असहमति की आवाज़ों का दमन होता है। धमकियाँ और हमले: पत्रकारों…

गाँवों में भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा लागू करने में बाधाएँ …….

ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवा एक निरंतर संघर्ष है। लाखों लोग चिकित्सा देखभाल तक सीमित पहुँच के साथ रहते हैं, न केवल स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की अनुपस्थिति का सामना करते…

भाई -बहन के प्यार, जुड़ाव और एकजुटता का त्योहार भाई दूज

हमारे देश में हर महिला भाई दूज को अपने भाई के लिए अपना समर्थन और करुणा प्रदर्शित करने के लिए मनाती है। इस दिन सभी बहनें भगवान से अपने भाई…

करवा चौथ: आस्था और विश्वास का प्रतीक

बदलते समय में खासकर नवविवाहितों के बीच पतियों ने भी अपनी पत्नियों के लिए व्रत रखना शुरू कर दिया है। इस प्रकार अब, एक पुराना त्यौहार ग्रामीण और शहरी सामाजिक…

दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में क्यों होते है सिग्नल फेल?

आखिर क्यों बार-बार पटरी से उतर रही भारतीय रेल? कहीं ये बड़े कारण तो नहीं। कवच जैसे एटीपी सिस्टम की अनुपस्थिति से ओवरस्पीडिंग या सिग्नल उल्लंघनों के कारण होने वाली…

प्रोटीन विज्ञान क्रांति ……. चिकित्सा और प्रौद्योगिकी में परिवर्तनकारी साबित होगा नए प्रोटीन का निर्माण 

उभरते हुए साक्ष्य दर्शाते हैं कि प्रोटीन-डिज़ाइन तकनीकों की यह नई नस्ल ऐसे प्रोटीन बना सकती है जो अन्य प्रोटीन से जुड़ते हैं। यह जीव विज्ञान में प्रोटीन फ़ंक्शन को…

9 अक्टूबर विश्व डाक दिवस विशेष ……. कहाँ खो गई अपनों की चिट्ठी-पत्री

संचार क्रांति के इस युग में अब नहीं आती कहीं से भी अपनों की चिट्ठी-पत्री। बदलते दौर में घर से जाते समय अब कोई नहीं कहता कि पहुंतें ही चिट्ठी…

एसी कमरों में बैठकर एग्जिट पोल बनाने वालो का बोरिया बिस्तर पैक,एग्जिट पोल हुए धराशायी, फिर बीजेपी छाई

हरियाणा ने जातिवाद को नकार दिया ? जनता ने चुप रहकर सबका हित चाहने वालों को दिया वोट। पब्लिक सब जानती है किस में और कहाँ है कितना खोट। कांग्रेस…

डिजिटल दुनिया में क्या देख रहे हैं आपके बच्चे?

बच्चों के लिए साइबर सुरक्षा आधुनिक पेरेंटिंग का एक अनिवार्य हिस्सा डिजिटल युग में, ऑनलाइन सुरक्षा और बच्चों के सूचना तक पहुँच के अधिकार के बीच संतुलन बनाना एक जटिल…

धीमा न्याय निर्भयाओं को कर रहा कमजोर …… हैवानियत को अंजाम तक पहुंचना चाहिए।

महिलाओं के विरुद्ध यौन हिंसा में संस्थागत कारकों में अपर्याप्त संसाधन वाले पुलिस बल और अप्रभावी कानून प्रवर्तन सहित संस्थागत विफलताएं ,महिलाओं के खिलाफ हिंसा के जारी रहने में योगदान…

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