Tag: डॉ सत्यवान सौरभ

क्यों पतियों को बीवी ‘नो-जॉब’ पसंद है ?

इस पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं को घर के अंदर समेटने का तरीका है उन्हें नौकरी न करने देना। पितृसत्ता के गुलाम लोगों को लगता है कि नौकरी करने अगर…

 भारत की बाढ़ प्रबंधन योजना का क्या हुआ ?

राष्ट्रीय बाढ़ आयोग की प्रमुख सिफ़ारिशें जैसे बाढ़ संभावित क्षेत्रों का वैज्ञानिक मूल्यांकन और फ्लड प्लेन ज़ोनिंग एक्ट का अधिनियमन अभी तक अमल में नहीं आया है। सीडब्ल्यूसी का बाढ़…

आखिर क्यों नदियां बनती हैं खलनायिकाएं ?

हाल के वर्षों में नदियों के पानी से डूबने वाले क्षेत्रों में शहरी बस्तियां बसने की रफ़्तार तेज़ हो गई है. इस कारण से भी बाढ़ से होने वाली क्षति…

दृढ़ता और संतोष, खुशियों के स्त्रोत

मनुष्य के रूप में हम उस पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो हमारे पास नहीं है, और जो हमारे पास है उसे नज़रअंदाज़ करते हैं या यहाँ तक कि अनदेखा…

सिविल सेवाएँ राज्य और समाज के बीच संपर्क पुल

आईएएस अधिकारी रितु माहेश्वरी ने कानपुर में प्रचलित बिजली चोरी से निपटने के लिए नए बिजली स्मार्ट मीटर लगाए। प्राकृतिक, मानव और वित्तीय संसाधनों का विकास और जुटाना और विकासात्मक…

28 अप्रैल – कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस……कैसी है हमारी व्यावसायिक सुरक्षा और क्या है स्वास्थ्य खतरे ?

व्यावसायिक दुनिया में गहरा परिवर्तन हो रहा है। सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों और अन्य हितधारकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे सभी के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य…

24 अप्रैल – राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस :

बिखर गई पंचायतें, रूठ गए है पंच।भटक राह से है गए, स्वशासन के मंच।। राज्य सरकार स्थानीय नौकरशाही के माध्यम से स्थानीय सरकारों को बाध्य करती हैं। उदाहरण के लिए,…

यूपीआई लेनदेन पर शुल्क का ब्रेन गेम

यह सलाह दी जाती है कि “मदर थेरेसा” न बनें और अपने बैंक के साथ-साथ अपने यूपीआई भुगतान प्रणाली का बुद्धिमानी से उपयोग करें। हमेशा ध्यान रखें कि राजस्व विभाग…

ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों के लिए एक उमंग –डॉ. रणजीत सिंह फुलिया

सन 2004 में नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर डॉ. रणजीत सिंह फुलिया ग्रामीण क्षेत्रों के, विशेषकर हरियाणा और आस -पास के छह राज्यों — राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल…

विश्व स्वास्थ्य दिवस, 7 अप्रैल …….. डॉक्टर और दवाइयों की कमी से जूझता देश का स्वास्थ्य

प्रत्येक 10,000 लोगों के लिए केवल एक एलोपैथिक डॉक्टर उपलब्ध है और 90,000 लोगों के लिए एक सरकारी अस्पताल उपलब्ध है। मासूम और अनपढ़ मरीजों या उनके रिश्तेदारों का शोषण…

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