Category: साहित्य

मेरी यादों में जालंधर- भाग तीस ……… रमेश बतरा- कभी अलविदा न कहना !

कमलेश भारतीय क्या चंडीगढ़ की यादों को समेट लूं ? क्या अभी कुछ बच रहा है ? हां, बहुत कुछ बच रहा है। रमेश बतरा के बारे में टिक कर…

मेरी यादों में जालंधर- भाग चौबीस : हरियाणा से जुड़ा हिसार के रिपोर्टर से पहले रिश्ता….

कमलेश भारतीय फिर एक नया दिन, फिर एक न एक पुरानी याद ! पंजाब विश्विद्यालय की कवरेज के दिनों एक बार छात्रायें अपनी हाॅस्टल की वार्डन के खिलाफ कुलपति कार्यालय…

मेरी यादों में जालंधर – भाग तेइस : वह पहली कहानी के छपने की पुलक…

कमलेश भारतीय यादें भी क्या हैं, आती हैं तो आती ही चली आती हैं, इनका न कोई ओर, न कोई छोर! जैसे पतंग उड़ाने वाली डोर की चरखड़ी, जो लगातार…

मेरी यादों में जालंधर – भाग बाइस : आजकल पासबुक से बड़ी कोई बुक नहीं….

कमलेश भारतीय मित्रो, चल रहा हूँ, यादों की पगडंडियों पर – बिल्कुल बेखबर कि ये मुझे कहां ले जाने वाली हैं पर मैं डरते-डरते चलता जा रहा हूँ । आज…

जाने किस घड़ी वक्त का बदले मिज़ाज…..

कमलेश भारतीय यादों से घिरा रहता हूँ, सुबह शाम ! जब जब यादें आती हैं, कितने खट्टे मीठे अनुभव याद कराती हैं और यह भी कि वक्त क्या क्या दिन…

मेरी यादों में जालंधर – भाग बीस …….. कुमार विकल मैं बहुत उदास हूँ !

कमलेश भारतीय जब जालंधर की यादें लिखनी शुरू की थीं, तब लगता था कि दो चार दिन लिखकर आपसे विदा ले लूंगा लेकिन यादें जालंधर से चलती हुईं मुझे न…

मेरी यादों में जालंधर – भाग उन्नीस ………… किताबें उधार लेकर क्यों पढ़ें ?

कमलेश भारतीय वैसे तो यादों की पिटारी किसी की कभी खत्म नहीं होती, लेकिन क्या क्या, कहाँ छिपा हुआ है , किस कोने में छिपा है, यह खुद पिटारी रखने…

मेरी यादों में जालंधर- भाग सत्रह …….. क्या मोहन राकेश ही कालिदास तो नहीं थे?

-कमलेश भारतीय पता नहीं, किधर से किधर , यादों की गलियों में निकल जाता हूँ और बहुत बार यादों में खोया-खोया, किसी एक में पूरी तरह खो जाता हूँ। आज…

मेरी यादों में जालंधर -भाग सोलह ……. दिल को छू लेती है आज भी मासूम हंसी!

कमलेश भारतीय यादों का यह सिलसिला जालंधर से शुरू होकर, न जाने किस तरफ अपने आप ही मोड़ ले लेता है और मित्रो मैं कोई नोट्स लेकर किसी तयशुदा मंजिल…

मेरी यादों में जालंधर- भाग पंद्रह ………. थियेटर की दुनिया के खुबसूरत मोड़ !

कमलेश भारतीय हाँ, तो मैं कल बात कर रहा था, जालंधर के थियेटर, रंगकर्म और‌ रंगकर्मियों के बारे में ! गुरुशरण भाजी के साथ लम्बा साथ रहा और‌ बहुत सी…

error: Content is protected !!