Tag: प्रियंका सौरभ

भौतिकता की चाह में पीछे छूटते रिश्ते ………

एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी, जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं। रिश्तों के प्रति इंसान…

भारतीय मध्यम वर्ग का संघर्ष कभी खत्म क्यों नहीं होता ?

मध्यम वर्ग के लोगों की चिंताओं का कोई अंत नहीं होता। क्योंकि ये बच्चों को लायक बनाने में अपना पूरा जीवन निकाल देते हैं। फिर उस अनुरूप बच्चों का विवाह…

टिकाऊ  हरित पर्यावरण के लिए सुरक्षित सड़कें जरूरी

वाहन दुर्घटनाओं का पर्यावरणीय प्रभाव देखे तो अधिकांश वाहनों में सीसा, पारा, कैडमियम या हेक्सावेलेंट क्रोमियम जैसी जहरीली धातुएं होती हैं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। दुर्घटनास्थल पर ईंधन…

हर जगह वायरल होती निजता, कैसे जियेंगे हम ?

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की एक छात्रा द्वारा अपनी हॉस्टल की साठ से अधिक छात्राओं के नहाते वक्त के न्यूड वीडियो रिकॉर्ड कर अपने पुरुष मित्र को भेजना और फिर उनका दुनिया…

बंद होते सरकारी स्कूल……….

दरअसल सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए हैं बल्कि यह इसे चलाने वाली सरकारों, नौकरशाहों और नेताओं का फेलियर है। सरकारी स्कूल प्रणाली के हालिया बदसूरती के लिए यही लोग जिम्मेवार…

प्रदेश की सामाजिक,सांस्कृतिक तथा साहित्यिक धरोहर सहेज रहे शिक्षक कवि सत्यवीर नाहड़िया

विभिन्न विधाओं में हिंदी तथा हरियाणवी की सोलह पुस्तकें प्रकाशित,चार हरियाणवी फिल्मों में गीत एवं संवाद लेखन, केंद्रीय साहित्य अकादमी के लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हरियाणा के…

क्या भारत में काम करने के अधिकार को गरिमापूर्ण बनाया जा सकता है?

काम करने का अधिकार अनिवार्य रूप से पूंजीवाद और कार्य नैतिकता से जुड़ा है, काम करने का अधिकार पूंजीपतियों के विरुद्ध शोषण का अधिकार है और यह पूरी तरह से…

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