लोकतंत्र और लट्ठतंत्र के बीच फंसा विकास,,,,?
-कमलेश भारतीय यह हमारा पावन लोकतंत्र है । इसे स्वतंत्रता के बाद से धीरे धीरे लट्ठतंत्र में राजनेताओं ने बदल डाला है । पहले तो लट्ठ वालों को साथ रखते…
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-कमलेश भारतीय यह हमारा पावन लोकतंत्र है । इसे स्वतंत्रता के बाद से धीरे धीरे लट्ठतंत्र में राजनेताओं ने बदल डाला है । पहले तो लट्ठ वालों को साथ रखते…