सात साल बेमिसाल : मुख्यमंत्री खट्टर, उनके मंत्री, विधायक, सांसद गावों में घुस तक नही पा रहे – विद्रोही

खटटर सरकार के सात साल इतलेे बेमिसाल है कि आम हरियाणावी आने वाले 70 सालों तक अपनी छाती पीट-पीटकर रोता रहेगा – विद्रोही
भाजपा नेता, कार्यकर्ता में भी सरकार के प्रति भारी असंतोष है। ऐसी स्थिति में कोई भी अनुमान लगा सकता है कि खट्टर राज के सात साल कितने बेमिसाल – विद्रोही

28 अक्टूबर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही भाजपा खट्टर राज के सात साल बड़े बेमिसाल के जुमले पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुऐ कहा कि खटटर सरकार के सात साल इतलेे बेमिसाल है कि आम हरियाणावी आने वाले 70 सालों तक अपनी छाती पीट-पीटकर रोता रहेगा कि आखिर उसने ऐसी जनविरोधी, फासिस्ट सरकार को वोट के माध्यम से चुनकर अपने पैरों पर खुद कुल्हाडी क्यों मारी। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा के 55 साल के इतिहास में भाजपा खट्टर सरकार किसान-खेती बाहुल्य प्रदेश के किसान-खेतिहर मजदूर व आमजन विरोधी ऐसी सरकार है जो इन वर्गो को कुचलने, ठगने का कोई मौका नही चूकती है। भाजपा खट्टर सरकार ऐसी सरकार है जिसने प्रदेश में एक भी बडा प्रोजेक्ट लगाये बिना प्रदेश पर पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में चार गुणा ज्यादा कर्ज बढकर ढाई लाख करोड़ रूपये से ज्यादा का कर्जदार प्रदेश को बनाकर आर्थिक रूप से खोखला कर दिया। विद्रोही ने कहा कि भाजपा खट्टर सरकार के सात इतने बेमिसाल है कि इन सात सालों में प्रदेश में चार हिंसा तांडव हुए जिनंमे सरकार ने खुद अपने 85 से ज्यादा लोगों को पुलिस गोलियों से भुनवाकर यमलोक पहुंचाया। इन चार हिंसक जातिय दंगों में आमजन की अरबो रूपये की सम्पत्तिया नष्ट हो गई। वहीं हजारों करोड़ रूपये की सरकारी सम्पत्तियां अलग से नष्ट हुई। इन हिंसा तांडवों से प्रदेश का भाई-चारा बिगडा, जातिय व क्षेत्रिय तनाव में इतने गहरे घाव दिये जिनकों भरने में वर्षा लगेंगे। 

विद्रोही ने कहा कि विगत साल सालों में किसानों की आर्थिक हालत इस कदर बदतर हुई है कि 90 से ज्यादा किसानों ने क्या तो कर्ज बोझ सो दबकर आत्महत्याएं की या अपनी बर्बाद फसल को देखकर सदमे में खेत में ही हार्ट अटैक से मरे। हरियाणा के 55 वर्ष के इतिहास में किसान व खेतिहर मजदूर के सामने इतना भारी आर्थिक संकट कभी नही आया जितनी आर्थिक बदहाली उसने भाजपा खट्टर राज में झेली है और झेल रहे है। हरियाणा की धरती पर विगत 11 माह से ज्यादा समय से अन्नदाता किसान तीन काले कृषि कानूनोंके खिलाफ सडकों पर आंदोलनरत है, पर उसकी कोई सुनवाई करने तक को तैयार नही जिसके चलते हालात इतने बिगड चुुके है कि प्रदेश में 75 प्रतिशत क्षेत्र में किसानों, ग्रामीणों में भारी विरोध के चलते मुख्यमंत्री खट्टर, उनके मंत्री, भाजपा विधायक, सांसद गावों में घुस तक नही पा रहे है। राजनीतिक कार्यक्रम करने में असमर्थ है जो खुद जीवंत प्रमाण है कि भाजपा राज के सात साल कितने बेमिसाल है।

विद्रोही ने कहा कि भाजपा खट्टर राज को प्रदेश में कानून व्यवस्था इतनी बिगड़ चुकी है कि रेप, अपराध घटनाओं की बाढ सी आ गई। प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है, लगभग हर विभाग का सरकारी कर्मचारी सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलनरत है। प्रदेश का कोई भी वर्ग सरकार के क्रियाक्लापों से खुश नही है।  यहां तक भाजपा नेता, कार्यकर्ता में भी सरकार के प्रति भारी असंतोष है। ऐसी स्थिति में कोई भी अनुमान लगा सकता है कि खट्टर राज के सात साल कितने बेमिसाल है। जिस अहीरवाल-दक्षिणी हरियाणा के बल पर मनोहरलाल खटटर दो बारे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए है, उसी दक्षिणी हरियाणा के प्रति खट्टर सरकार सौतेला व भेदभावपूर्ण व्यवहार कर रही है। दक्षिणी हरियाणा के विकास की यह हालत है कि नये विकास प्रोजेक्टस पर काम होना तो दूर की बात है, कांग्रेस जमाने के बने व शुरू हुए विकास प्रोजेक्टस विगत साल साल से आधे-अधूरे पड़े है व सरकार की भेदभावपूर्ण नीति के चलते पूरे नही हो रहे है। विद्रोही ने कहा कि खट्टर सरकार के सात साल हरियाणावासियों पर इतने भारी पड़े है कि उससे उभरने में वर्षो लग जाएंगे।

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