हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड के प्रतिभागी हुए शामिल हिसार : 25 अक्टूबर – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय मशरूम उत्पादन तकनीक विषय पर हरियाणा के अलावा करीब दस राज्यों के सौ प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण हासिल किया। यह जानकारी देते हुए संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया की कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज के दिशा-निर्देश में इस तरह के प्रशिक्षण लगातार आयोजित किए जा रहे हैं ताकि बेरोजगार युवक-युवतियों को अधिक से अधिक लाभ मिले। उन्होंने बताया कि दिनों-दिन लोगों में जागरूकता बढ़ रही है और बेरोजगार युवक-युवतियां स्वरोजगार स्थापित करने के लिए बेताब हैं। इसी कड़ी में एचएयू से प्रशिक्षण हासिल कर वे स्वरोजगार स्थापित कर स्वावलंबी बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मशरूम एक ऐसा व्यवसाय है जिसे भूमिहीन, शिक्षित एवं अशिक्षित, युवक व युवतियां इसे स्व-रोजगार के रूप मेंं अपना सकते हैं तथा सारा वर्ष मशरूम की विभिन्न प्रजातियों जैसे सफ़ेद बटन मशरूम (अक्टूबर से फरवरी), ढींगरी (मार्च से अप्रैल), दूधिया मशरूम/धान के पुवाल की मशरूम (जुलाई से अक्टूबर) को उगाकर सारा साल मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है और स्वावलंबी बना जा सकता है। राज्य व केंद्र सरकार भी दे रही है प्रोत्साहन हरियाणा तथा भारत सरकार द्वारा किसानों तथा बेरोजगार युवक व युवतियों को मशरूम उत्पादन को कृषि विविधिकरण के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संस्थान की ओर से विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण समय-समय पर आयोजित किए जाते रहते हैं। इसलिए संस्थान से जुडक़र व प्रशिक्षण हासिल कर आत्मनिर्भर बनें। प्रशिक्षण के आयोजक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण में हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड के 101 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण में डॉ. सुरेंद्र सिंह, डॉ. राकेश चुघ, डॉ. निर्मल कुमार, डॉ. डी. के. शर्मा, डॉ. भूपेंद्र सिंह के अलावा बाजवा मशरूम फार्म से सरदार अमृत बाजवा ने प्रशिक्षणार्थियों को मशरूम उत्पादन को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस दौरान प्रतिभागियों ने ऑनलाइन माध्यम से अपने अनुभवों को सभी के साथ साझा किया और बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण बहुत ही लाभदायक हैं। Post navigation हरियाणा के दूरदर्शन व आकाशवाणी केंद्र प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में कृषि कॉलेज कौल के विद्यर्थियों ने बाजी मारी