फौजी की एक ही जाति होती है और वह है सैनिक: कर्नल अजीत सिंह

फौज में यूनिट अलग-अलग हों, मोर्चे पर केवल मात्र हम सैनिक होते हैं.
सैन्य कार्यकाल जैसी एकता और भाईचारा सामाजिक जीवन में जरूरी.
पटौदी में पूर्व सैनिक मिलन समारोह कार्यक्रम का हुआ आयोजन.
कार्यक्रम में 99 वर्ष के पूर्व सैनिक छंगा राम गांव लोकरा भी पहुंचे.
90 वर्ष से ऊपर की उम्र के 10 पूर्व सैनिकों का सम्मान किया गया

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 फौजी की केवल मात्र एक ही जाति होती है और वह है सैनिक । सेना में काम करते हुए बेशक से अलग-अलग नाम की यूनिट होती हैं । लेकिन जब मोर्चे पर दुश्मन से मुकाबला करना हो या फिर युद्ध का समय हो, सभी सैनिक एक ही भाषा बोलते हैं कि हम केवल मात्र सैनिक हैं । सेना में कार्यकाल के दौरान जो एकता भाईचारा हम लोगों के बीच में होता है , वही एकता भाईचारा सामाजिक समरसता हमारे सामाजिक जीवन में भी जरूरी है। गांव पहाड़ी गांव की निखिल वाटिका में पूर्व सैनिक मिलन समारोह का आयोजन किया गया।  इसी मौके पर मुख्य अजिथि पूर्व कर्नल अजित सिंह राणा ने पूर्व सैनिकों के बीच यह संदेश अपनेसंबोधन में दिया। इस कार्यक्रम के माध्यम से पटोदी, रेवाड़ी, गुरुग्राम, नूह व झज्जर के  दिव्यांग व 90 वर्ष से ऊपर की उम्र के पूर्व सैनिको का सम्मान किया गया व उनसे सम्बंधित समस्याओं को सामूहिक रूप से  प्रशासन तक पहुचाना है।  इस कार्यक्रम में दिव्यांग बनवारी लाल बस्तपुर से व 90 वर्ष से ऊपर की उम्र के 10 पूर्व सैनिकों का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में 99 वर्ष के पूर्व सैनिक छंगा राम लोकरा से पहुंचे। जिनका मुख्य अतिथि ने पगड़ी पहना कर सम्मान किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व कर्नल अजित सिंह राणा अध्यक्ष नार्थ जॉन टेसवा, विशिष्ट अतिथि  अजित जी जिला अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद शामिल रहे । इनका पगड़ी पहनाकर पूर्व सैनिक संघ के पदाधिकारियों ने स्वागत व सम्मान किया।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व कर्नल अजित सिंह राणा ने कहा कि सभी सैनिकों को एक मत होकर समाज मे सन्देश देना चाहिए। ऐसे मिलन कार्यक्रम प्रत्येक गांव में होने चाहिए। जैसे युद्ध के समय सभी रेजिमेंट एक होकर भारतीय सेना के रूप में लड़़ती है उसी तरह हमे समाज मे भी समस्या का सामना एक होकर करना चाहिए। टेसवा संस्था का कार्य पूर्व सैनिकों के मध्य जाकर उनकी समस्या को नोट कर उनको प्रशासन तक पहुचाना है।  उन्होंने बताया कि हमे सबसे पहले अपने अधिकारियों की जानकारी होनी चाहिए। एक पूर्व सैनिक की फैमिली पेंशन 5 तरह की होती है। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि एक वीरांगना को लिबरेलाइज पेंशन की जगह आर्डिनरी पेंशन मिल रही थी,   वीरांगना के हक आक्र अधिकार की लड़ाई लड़ी और उनको सही पेंशन दिलाई।  टेसवा इस तरह के पूर्व सैनिक के हलए कार्य कर रही है। दिव्यांग पूर्व सैनिक को ब्रॉड बैंडिंग सुविधा की जानकारी होनी चाहिए। जीविता प्रमाण लेने के लिए बैंक में अक्टूबर में जा सकते है , परन्तु यदि आप बैंक जाने के काबिल नही है तो आप के पास बैंक के अधिकारी घर पर ही आएंगे। उन्होंने बताया कि पांच साल की रिवीजीन पेंशन लागू हो गयी है। ।

विशिष्ट अतिथि अजित सिंह ने कहा कि सैनिक अनुसाशन का प्रतीक है।  सैनिकों को प्रशासनिक अधिकारी द्वारा खड़े होकर  सम्मान देना चाहिए।  कप्तान कवर सिंह जिला अध्यक्षनुः व गुरुग्राम,राजेन्द्र जिला अध्यक्ष टेसवा,पूर्व सूबेदार लालचंद  आर्या, पूर्व सूबेदार सीताराम नूह ने पूर्व सैनिकों से सम्बंधित समस्याओं को मंच के माध्यम से रखा । राजेन्द्र ने अपने व्यक्तिगत प्रयास से 163 पूर्व सैनिको की पेंशन से सम्बंधित समस्या को दूर किया। इस कार्यक्रम में मंच संचालन बार एसोसिएशन पटौदी के एडवोकेट सुधीर मुदगिल ने किया। इस मिलन समारोह में  600 पूर्व सैनिक उपस्थित थे । कार्यक्रम के समापन पर  पूर्व सरपंच भरत सिंह  पहाड़ी ने कार्यक्रम में पहुचने पर सभी का धन्यवाद किया।

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