धर्मपाल वर्मा चंडीगढ़ – समाज सेविका पंचकूला की कांग्रेस की नेत्री मुदिता शर्मा ने कहा है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में 40 प्रतिशत भागीदारी का जो संकल्प लिया है उसका दिल की गहराइयों से धन्यवाद करते हुए संतोष की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि श्रीमती गांधी और कांग्रेस ने देश में महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ने के साथ खुद को मज़बूत करने का सुंदर अवसर प्रदान किया है।. उन्होंने कहा कि हमें यह मानकर चलना चाहिए कि कोई भी महिला कमजोर नहीं है वह हर काम में और हर क्षेत्र में सक्षम है… लेकिन दुर्भाग्य से देश की राजनीति में ऐसी व्यवस्था कायम कर दी गई है कि महिलाओं को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने और उसे चूल्हे चौके तक सीमित रहने को मजबूर होना पड़ता है। समाज में हर स्तर पर महिला का शोषण होता है। उसे स्वच्छंद भाव से काम करने का अवसर ही नहीं मिलता । मुदिता शर्मा ने कहा कि कांग्रेस देश की एकमात्र पार्टी है जिसमें देश को महिला प्रधानमंत्री दी और महिलाओं के कल्याण के लिए उचित अवसर प्रदान किए। उन्होंने कहा कि यह व्यवहारिक तौर पर समझने की चीज है कि यदि..एक महिला जो एक नई दिशा में आगे बढ़ने के सपने देखती है उसे वही रोक देने की साजिश होने लगती है. उन्होंने कहा कि.. मुझे नहीं पता कि मेरी इस बात पर कितने लोग सहमत होंगे लेकिन महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ाने के नाम पर कई बार उसकी इज्जत तक का सौदा किया जाता है। इस मामले में यहां तक सुनने को मिलता है कि अगर महिला को राजनीतिक क्षेत्र में आगे बढ़ना है तो किसी अच्छे राजनेता की इच्छा अनुसार काम करना होता है । मुदिता शर्मा ने कहा कि महिलाओं को ऐसी परिस्थितियों से जूझने और महिला की इज्जत के भूखे भेड़ियों को सबक सिखाने उन्हें मुंह तोड़ जवाब देने के लिए सदा तैयार रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया है कि जो महिला उपरोक्त व्यवस्थाओं का पालन नहीं करती किसी दबाव में नहीं आती तो उसे सफलता के नाम पर नाकामयाब बता कर घर पर काम वाली बाई बन कर रहने को कहा जाता है उनसे…. मेरी एक हाथ जोड़ कर विनती है कि वे उनकी इस बात से सहमत हैं तो वे अगले ही पल ऐसी हालत में उस पुरुष या महिला को सबक जरूर सिखाये जो आपको इस तरह से राजनीति में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने की कोशिश कर रहा हो । ,आप महिला हैं और महिला दुर्गा के रूप में पूजनीय है… राजनीति मे दलाली करने वालों को ऐसा सबक सिखाये ताकि आगे से कोई भी किसी महिला को उसके हक से वंचित ना कर सके। आप समझ सकते हैं कि श्रीमती प्रियंका गांधी ने इन परिस्थितियों में महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी देने की जो पहल की है वह कितनी सामयिक और महत्वपूर्ण है। Post navigation फसल बिक्री में भाव का संकट और खाद किल्लत की दोहरी मार झेल रहे किसान – दीपेंद्र हुड्डा वाईएमसीए फरीदाबाद में दीनदयाल उपाध्याय ज्ञान संसाधन केंद्र की आधारशिला रखी