–कमलेश भारतीय दीपावाली के आगमन को देखते हुए एक टायर कम्पनी ने मिस्टर परफेक्शनिस्ट यानी आमिर खान को लेकर एक विज्ञापन बनाया कि दीपावली के चलते पटाखे बजाते हुए कहीं सड़क जाम न कर देना । विज्ञापन इतना ही है और गूंज सुनाई दी जब सांसद भाजपा के अनंत कुमार हेगड़े ने टायर कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनंत वर्धन गोयन्का को खत लिखकर इसे हिंदुओं में रोष उत्पन्न करने वाला करार दिया । हेगड़े ने लिखा कि आपका संदेश बहुत अच्छा है लेकिन मैं आपको अनुरोध करता हूं कि शुक्रवार को नमाज के नाम पर जो सड़कें जाम कर दी जाती हैं, उस समस्या का भी समाधान करें । कोई ऐसा विज्ञापन भी बनवायें । ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा भी उठायें जो अजान के समय लाउडस्पीकर से पैदा होता है । यह भेदभाव सदियों से हिंदुओं के साथ किया जा रहा है । इस पर विचार कीजिए । इससे हिंदू भावनाएं आहत होती हैं । आप के विज्ञापन से निश्चित ही हिंदुओं में रोष पैदा हुआ है । वैसे दीपावली से पहले ही पटाखे तो दशहरे से ही शुरू हो चुके हैं । दीपावली के साथ वायु व ध्वनि प्रदूषण जुड़े हुए हैं । विज्ञापन भी साम्प्रदायिक होते जा रहे हैं । विज्ञापन बनना टेढ़ी खीर हो गया लगता है । अभी सदी के महानायक अमिताभ बच्चन आए कमला पान मसाला विज्ञापन में रणबीर सिंह के साथ और आलोचना के शिकार हो गये कि ऐसा बिग बी है जो नयी पीढ़ी के स्वास्थ्य के खिलाफ विज्ञापन कर रहा है थोड़े से पैसे कमाने के लिए । जो दीवार फिल्म में कहता है कि मैं आज भी फेंके गये पैसे नहीं लेता लेकिन किसी भी विज्ञापन के पैसे जाने नहीं देता । अपने बेटे अभिषेक को भी नहीं । इतनी आलोचना के बाद अपने जन्मदिन पर कुछ दिन पहले ही महानायक ने ट्वीट किया कि वे कमला पान मसाला के विज्ञापन से हट रहे हैं और पैसे भी कंपनी को लौटा दिये हैं लेकिन दुख की बात कि अभी दो दिन पहले भी वही कमला पान मसाले का विज्ञापन बिग बी के साथ अखबारों में प्रकाशित हुआ तो लगा कि बिग बी अब झूठा वादा भी कर रहे हैं यानी झूठ भी बोलने लगे हैं ? क्या सदी का महानायक इतना बौना है ? वह ब्रांड एम्बेसेडर भी बन जाता है और मौका पड़ने पर रंक भी और अपनी मदद करने वाले अमर सिंह को भी भूल जाता है ? धन्य है । बात आती है विज्ञापनों की और सेलिब्रिटी की । विज्ञापन एक समय आता था कपिल देव का जब वे और पैंथर के पंजे दिखाये जाते थे और कितना उत्साह मिलता था युवा पीढ़ी को । इसी कपिल देव से सचिन ने प्रेरणा ली । आगे से आगे यह प्रेरणा बढ़ती गयी । इसे कहते हैं विज्ञापन । एक विज्ञापन जो कभी उत्तर प्रदेश से आता था जिस पर एक ही पंक्ति लिखी रहती थी-एक पांव रखता हूं , हजार राहें फूटती हैं । इतना आत्मविश्वास भर देने वाला विज्ञापन । भाजपा सांसद हेगड़े से पहले एक समय गायक सोनू निगम भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं जब उन्होंने कहा था कि वे शुक्रवार की सुबह जल्दी उठने पर मजबूर हैं क्योंकि अजान व ध्वनि प्रदूषण से परेशान हैं । हम इन मुद्दों पर एक ही बात कह सकते हैं : हमसे तो ये पंछी अच्छेकभी मंदिर पर जा बैठेतो कभी मस्जिद पे जा बैठे ,,,, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation सिंघू मोर्चा पर हुए 15 अक्टूबर को हुई हत्या के मुद्दे पर एसकेएम की आम सभा की बैठक हुई…… संयुक्त किसान मोर्चा के फ़ैसले पर योगेन्द्र यादव का बयान