रोगियों में 4 वर्ष से 90 वर्ष तक के बच्चे और बुजुर्ग शामिल.
धूम्रपान से छुटकारे के लिए भी दी गई लोगों को औषधि

फतह सिंह उजाला

पटौदी । शरद पूर्णिमा का अपना महत्व है , इस दिन रात्रि के समय आसमान में चांद विशेषता असीमित चमत्कारिक चांदनी से परिपूर्ण होता है । ऐसा अनादि काल से माना जाता रहा है । यही कारण है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि के समय विभिन्न मंदिरों में खीर बनाकर इसे कुदरत का चमत्कारिक और प्राकृतिक रोग नाशक दवा के रूप में वितरण किया जाता है।

लेकिन इन सब बातों से इतर पटौदी हलके के ही हेलीमंडी नगर पालिका क्षेत्र में रहने वाले अद्भुत आयुर्वेदिक फार्मेसी के संचालक वैद्य दयानंद के द्वारा अथवा उनके परिवार के द्वारा शरद पूर्णिमा की रात्रि के समय बीते 67 वर्षों से देसी जड़ी बूटियों से युक्त औषधीय खीर का निशुल्क वितरण श्वास और दमा के रोगियों को किया जा रहा है । मंगलवार-बुधवार मध्य रात्रि के समय करीब 500 श्वास और दमा के पीड़ितों को देसी औषधीय खीर का सेवन करवाया गया । औषधी, वितरण से पहले संक्षिप्त समय में भजन कीर्तन कर संकटमोचक हनुमान महाराज की आरती की गई ।

यहां पहुंचे दिल्ली, राजस्थान, झांसी के अलावा रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद व आसपास के इलाकों से आए रोगियों को औषधीय खीर के सेवन के बाद किए जाने वाले परहेज  के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। आयुर्वेदिक अद्भुत फार्मेसी के संचालक डॉ रूस्तगी ने बताया की ऐसे-ऐसे रोगी भी यहां पर आए हैं जिनका लंबे समय से उपचार करवाया जाने के बाद जो भी श्वास और दमा का रोग समाप्त नहीं हो रहा था । लेकिन यहां औषधीय खीर के सेवन के बाद में अनेक रोगी पूरी तरह से श्वास और दमा के रोग से छुटकारा पा चुके हैं । भिवानी से 4 वर्षीय जोगिंदर, भूपनिया के 11 वर्षीय नदीश, इसमारका की 14 वर्षीया प्रिया, सिवाड़ी के 8 वर्षीय रितिक, रोहतक के 15 वर्षीय धु्रवपामली के 7 वर्षीय यशराज, 8 वर्षीय नरेश  के अभिभावकों ने बताया की पहले उन्हें भी सांस और दमा की बीमारी की परेशानी उठानी पड़ी ।  हेली मंडी में अद्भुत आयुर्वेदिक फार्मेसी के द्वारा वितरित की जा रही औषधीय खीर का सेवन कराने के लिए अब बच्चों को लेकर आए हैं । जिससे कि समय रहते ही इस बीमारी से निजात मिल जाए ।

टोहाना से आए मुकेश कुमार ने बताया 20 वर्ष पहले उनकी माताजी यहां आकर तीन-चार वर्ष लगातार औषधीय खीर का सेवन कर चुकी है और अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं । 90 वर्षीय फूल सिंह सांस फूलने की समस्या से बीते कई वर्षाो से परेशानी उठाते नामी और बड़े डाक्टरों से दवाईयां ले रहे थे, बीते वर्ष देशी दवा युक्त खीर सेवन और कुछ परहेज केये जाने से 80 प्रतिशत फायदा होने पर फिर से औषधीय खीर का सेवन करने पहुंचे। 70 वर्षीय बिमला, 73 वर्षीय निजायु, 67 वर्षीय कमला, 71 वर्षीय श्रीकृष्ण अपने यसथ में ऐसे लोगों को साथ लेकर आए हैं , जो कि श्वास और दमा के रोग से पीड़ित रहे हैं । इन्होंने बताया कि पहले स्वयं औषधीय खीर का सेवन किया , अब लाभ भी है। यह नेकी का काम है , बीमार रोगी का उपचार करवाकर पूरी से पूरी तरह से स्वस्थ कर दिया जाए मानवीय दृष्टिकोण से यह बहुत सुकून देता है । झांसी के रहने वाले इकबाल में बताया कि उन्होंने भी अपने किसी परिचित से हेलीमंडी में शरद पूर्णिमा की रात्रि में औषधीय खीर वितरण के बारे में सुना था, वह भी बीते कई वर्षों से श्वास-दमा के रोग की अंग्रेजी दवाइयों का सेवन कर रहे हैं । लेकिन अपेक्षित लाभ नहीं मिला, इस बार वह यहां प्रथम बार औषधीय खीर का सेवन करने के लिए पहुंचे हैं । अद्भुत आयुर्वेदिक फार्मेसी के संचालक दयानंद रूस्तगी ने बताया की धूम्रपान से छुटकारा पाने के लिए भी बीते करीब 15 वर्षों से अपनी बनाई हुई हो देशी दवा शरद पूर्णिमा की रात्रि को ही निशुल्क दी जा रही है । इसके सेवन के बाद भी अनेक लोग धूम्रपान की लत से छुटकारा प्राप्त कर चुके हैं।

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