पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाले हर- हित रिटेल स्टोरों का उदघाटन कर सीएम ने छोटी दुकानदारी पर ताले लटकाने की शुरुआत की
सरकार कॉरपोरेट्स को बढ़ावा देने वाली अपनी ई – कॉमर्स की नीतियों को जनता के सामने स्पष्ट करे

18/10/2021 :- ‘प्रदेश के सीएम खट्टर द्वारा एग्रो इंडस्ट्री कॉरपोरेशन लिमिटेड की महत्वाकांक्षी योजना हर – हित स्टोरों का उद्घाटन करना गांवों की छोटी दुकानदारी को बंद करना व उन्हें नष्ट करने की सरकारी कवायद है, यह मानना है हरियाणा महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा का। उन्होंने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहा कि इन हर-हित स्टोरों का मुख्य उद्देश्य गांवों के लोगों को गांवों में ही सभी उत्पाद उपलब्ध कराना है। लेकिन ये स्टोर, पूंजीपति लोग ही खोल सकेंगें जिसके कारण जो गरीब छोटे दुकानदार अपनी छोटी सी किराने व परचून की दुकान से अपने परिवार की आजीविका चला रहे हैं वो बेबाद हो जाएंगे, उनका काम सबसे ज्यादा प्रभावित होगा और उनकी दुकानों पर ताले लटक जायेंगें।

वर्मा ने कहा कि एक तरफ तो अभी आम आदमी कोरोना महामारी की मार से उबरा भी नही है ऊपर से सरकार उन गरीब दुकानदारों की आर्थिक मदद करने की बजाए इस बढ़ी महंगाई में उनकी मेहनत, मजदूरी व लघु व्यवसायों को खत्म करने पर तुली हुई है।

कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि प्रदेश के सीएम ये तो कहते हैं कि इन हर-हित स्टोरों से नवयुवकों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगें लेकिन वो ये नही बताते की इन स्टोरों की वजह से कितने छोटे दुकानदारों की दुकानें बंद हो जाएंगी और वो लोग बेरोजगार होकर सड़कों पर आ जाएंगे।
महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव ने कहा कि खाद – बीज की दुकानों को ई- कॉमर्स के हवाले करने के बाद अब गांवों में खुली हुई इन छोटी दुकानों को भी बर्बाद करने पर तुली हुई ये जनविरोधी बीजेपी सरकार। इन हरित स्टोरों के माध्यम से किराने व परचून की दुकानों के सामान की बिक्री को भी कॉरपोरेट्स के हवाले कर रही है। ई- कॉमर्स स्टोर और अब ये हर-हित स्टोर छोटे गरीब दुकानदारों को बर्बाद करके पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने की एक कड़ी है। उन्होंने कहा कि इस बीजेपी सरकार की पूंजीपतियों को बढ़ावा देने वाली नीतियों की वजह से ही आज यूरिया जैसे आवश्यक उर्वरक को भी बिना लाइसेंस के कोई भी कंपनी मनचाहे दाम पर बेच सकती है? सरकार को इन ई-कामर्स और हर-हित स्टोरों को लेकर जनता के बीच मे सरकार को अपनी नीतियों को स्पष्ट करना चाहिए, की आखिर इनके द्वारा सरकार चाहती क्या है?
वर्मा ने कहा कि पूंजीपतियों के हित साधने वाली सरकार की गलत नीतियां ही इस किसान आंदोलन को सही साबित कर रही हैं, उन्होंने कहा कि किसान आय दोगुनी करने का जुमला उछालकर सता पाने वाली बीजेपी अब पूरे व्यवसायिक कारोबार को बड़ी कंपनियों के हवाले करने की योजना बना रही है।’

देश में छोटे-बड़े कितने दुकानदार हैं जो अपनी छोटी किराने व परचून की दुकान के सहारे ही अपना परिवार चलाते हैं, तो क्या ये गरीब व किसान विरोधी सरकार अब उनकी दुकानों को भी बन्द करने की तैयारी में है?

कांग्रेस नेत्री के अनुसार देश मे ऑनलाइन रिटेल आने के बाद छोटे व्यापारियों की क्या हालत है, इस बारे छोटे दुकानदारों से पूछकर देखिये। उन्होंने कहा कि एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियां महंगे दामों पर समान बेच कर ना सिर्फ महंगाई को बढ़ावा दे रही हैं बल्कि आम आदमी की कमर भी तोड़ रही हैं।

महिला कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री ने कहा कि जिस तरहं से सदन में बैगर कोई चर्चा किये तीन काले कृषि कानूनों को देश मे लागू किया गया था ठीक वैसे ही बिना किसी चर्चा और नफे-नुकसान का आकलन किए इस खट्टर सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए छोटे बाजार को भी हर-हित स्टोर और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए खोल दिया है।

प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में वर्मा ने कहा कि कुछ लोग कह सकते हैं कि जब इतना कुछ ऑनलाइन बिक रहा है तो ये सब भी बिकने दीजिये। क्या फर्क पड़ता है? जबकि सच ये है कि इससे बहुत फर्क पड़ता है, क्योंकि यहां सवाल सिर्फ व्यापार का नहीं है। बल्कि यह पूरी व्यापारिक व्यवस्था को कॉरपोरेट्स के हवाले करने की कवायद है। इसलिए सवाल उठना चाहिए कि इन स्टोरों और ई – कॉमर्स कम्पनियों को ये बीजेपी सरकार आखिर देश मे बढ़ावा क्यों दे रही हैं, जबकि ये छोटी दुकानदारियों को खत्म कर महंगाई बढ़ाने में सहायक हैं।

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