मुख्यमंत्री खट्टर सिरसा जि़ला का एसएसपी खाद का स्टॉक दक्षिण हरियाणा में स्थानांतरित कर उत्तर और दक्षिण हरियाणा के किसानों को बाँटना चाहती है: अभय सिंह चौटाला
दक्षिण हरियाणा के किसानों के लिए सीधे खाद कंपनियों से एसएसपी खाद लेकर तुरंत प्रभाव से किसानों को उपलब्ध करवाए भाजपा सरकार
भेदभाव की राजनीति करने के बजाय पूरे प्रदेश के किसानों को उनकी ज़रूरत के हिसाब से डीएपी और एसएसपी का स्टॉक उपलब्ध करवाए ताकि सरसों की बिजाई में कोई बाधा न आए

चंडीगढ़, 16 अक्तूबर: इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने भाजपा सरकार द्वारा सिरसा जि़ला का एसएसपी (सिंगल सूपर फास्फेट) खाद का 11200  मिट्रिक टन स्टॉक को दक्षिण हरियाणा के जि़लों में स्थानांतरित करने के निर्णय को किसानों में फूट डालने वाला निर्णय बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ऐसा निर्णय लेकर प्रदेश के किसानों को उत्तर और दक्षिण हरियाणा में बाँटना चाहते हैं। जबकि मुख्यमंत्री ऐसा निर्णय लेने के बजाय दक्षिण हरियाणा के किसानों के लिए सीधे खाद कंपनियों से एसएसपी खाद लेकर तुरंत प्रभाव से उन्हें उपलब्ध करवाए।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने वीरवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया और बीते शुक्रवार को सिरसा जि़ला के सभी एसएसपी डीलर्स को एक पत्र लिख कर यह आदेश जारी किए हैं जिसमें एसएसपी खाद को सरसों की फसल के लिए उत्तम बताया है इसलिए एसएसपी खाद का सिरसा जिला का सारा स्टॉक दक्षिण हरियाणा के पाँच जि़लों में तुरंत प्रभाव से स्थानांतरित करने को कहा गया है।

उन्होंने कहा कि दक्षिण हरियाणा के जि़लों की तरह सिरसा जि़ला में सरसों की फसल की बहुतायत में बिजाई की जाती है और ख़ासकर जि़ला का पैंतालिस क्षेत्र तो सरसों का गढ़ है। अगर सिरसा जि़ला का एसएसपी स्टॉक स्थानांतरित कर दिया जाएगा तो यहाँ के किसान खाद से वंचित ही जाएँगे जिससे सरसों की फसल को बेहद नुक़सान पहुँचेगा। भाजपा सरकार किसानों के साथ भेदभाव की राजनीति करने के बजाय पूरे प्रदेश के किसानों को उनकी ज़रूरत के हिसाब से डीएपी और एसएसपी का स्टॉक उपलब्ध करवाए ताकि सरसों की बिजाई में कोई बाधा न आए। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपनी जि़म्मेदारियों से पल्ला झाडऩा चाहते हैं लेकिन इनेलो किसानों के साथ भेदभाव नहीं होने देगी। इनेलो नेता ने कहा कि चौधरी देवी लाल की नीतियों पर चलते हुए चौटाला परिवार ने सदैव किसानों के पक्ष में निर्णय लिए हैं और भविष्य में भी लेंगे।

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