ऐलनाबाद उपचुनाव 2021 पर विशेष श्रृंखला

अमित नेहरा

हाल ही में ऐलनाबाद उपचुनाव में इनेलो प्रत्याशी और इनेलो के राष्ट्रीय महासचिव अभय सिंह चौटाला का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अभय चौटाला कांग्रेस प्रत्याशी पवन बेनीवाल के गांव दड़बा कलां में पवन बेनीवाल पर आरोप लगा रहे हैं कि उसने मेरे साथ रहकर कब्जे किये हैं, उसने कोई खेती से थोड़ी कमाए हैं। यह स्वीकारोक्ति इस उपचुनाव में क्या असर डालेगी यह चर्चा का विषय तो है ही इसके पीछे की राजनीति को भी समझना होगा।

दरअसल जाने या अनजाने में अभय सिंह चौटाला ने में यह बड़ी जबरदस्त गुगली फैंकी है। अब गेंद पवन बेनीवाल के पाले में है, अभय चौटाला का राजनीतिक नुकसान तभी हो सकता है जब पवन बेनीवाल ये मान लें कि उन्होंने वाकई अभय सिंह चौटाला के साथ रहते हुए जमीनों पर कब्जे किये थे। क्या आपको लगता है कि पवन बेनीवाल इस आरोप को स्वीकार कर लेंगे! लगता है कि इस स्टेटमेंट से अभय चौटाला के दोनों हाथों में लड्डू आ गए हैं। उन्होंने आरोप जड़कर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है। अब बारी पवन बेनीवाल की है कि वे इस चुनौती से किस प्रकार निपटेंगे। उधर उनके चाचा और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भरत सिंह बेनीवाल भी पवन बेनीवाल पर आरोप लगा चुके हैं कि उनकी शह पर इनेलो शासनकाल के दौरान उनपर अनेक फर्जी मुकदमे दायर किये गए थे। इन दोनों बयानों से पवन बेनीवाल अपना पिंड कैसे छुड़वाते हैं यह देखना अच्छा-खासा दिलचस्प होगा।

वैसे भी ऐलनाबाद में इनेलो और कांग्रेस का कोर वोटर एक ही है यानी दोनों दल किसानों और किसानी के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि बीजेपी किसान और किसानी मुद्दे से पिंड छुड़ा रही है अतः बीजेपी इस बयान से कुछ हासिल कर पायेगी इसमें कुछ संदेह है। बीजेपी कैंडिडेट गोविंद कांडा के सामने अलग ही समस्याएं हैं। पहली तो यह है कि उनसे हर जगह पूछा जा रहा है कि अपनी खुद की पार्टी हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) होते हुए उन्होंने बीजेपी का टिकट क्यों लिया? इस सवाल का उनके पास कोई जवाब नहीं है। दूसरा उनके भाई गोपाल कांडा जो खुद सिरसा से हलोपा विधायक हैं, वे भी उनके चुनाव प्रचार में जुटे हैं। गोपाल कांडा से जब गीतिका शर्मा आत्महत्या केस के बारे में पूछा जाता है तो वे इस सवाल से कन्नी काट लेते हैं। हाल ही में एक यू ट्यूबर लड़की ने यह सवाल पूछा तो गोपाल कांडा ने कह दिया कि उन पर कोई केस नहीं चल रहा। जब बार-बार उनसे इस बारे में इसकी डिटेल लेने की कोशिश की गई तो गोपाल के सुरक्षाकर्मियों ने उसे गोपाल के पास फटकने नहीं दिया। गोविंद कांड के सामने गोपाल कांडा खुद चुनौती बने हुए हैं, उनपर गम्भीर धाराओं में चल रहे केस अभय सिंह चौटाला और पवन बेनीवाल के बीच चल रही जंग में बाधा बने हुए हैं।

दरअसल ऐलनाबाद उपचुनाव में गुंडागर्दी, अपराध और जमीन के कब्जे मुद्दा नहीं है, यहाँ मुद्दा है नए कृषि कानूनों का विरोध और समर्थन। इस मुद्दे को जो भी उम्मीदवार बेहतर तरीके से जनता के पास लेकर जायेगा, विजयश्री उसी की होगी।

फिलहाल धीरे-धीरे चुनाव प्रचार गर्मी पकड़ रहा है, क्या चल रहा है और आगे क्या होगा इस बारे में आपको जमीनी हकीकत से रूबरू कराने का प्रयास रहेगा।

चलते-चलते

2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद अल्पमत में सत्तारूढ़ हुई बीजेपी ने नैतिकता का हवाला देते हुए हलोपा पार्टी से सिरसा के विधायक गोपाल कांडा से समर्थन नहीं लिया था। लेकिन बीजेपी ने अब गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा को ऐलनाबाद उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी के नेता अब खुलकर गोपाल कांडा के साथ स्टेज पर भी साथ नजर आ रहे हैं। तुर्रा यह है कि बीजेपी, जेजेपी और हलोपा तीनों मिलकर कार्यकर्ताओं से गोविंद कांडा की जीत के लिए जोर लगाने का आह्वान भी कर रहे हैं।

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