हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग : नागरिक के पास अधिकार वह अधिकारियों को कितने नंबर देगा !

चण्डीगढ़, 6 अक्टूबर – हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त श्री टी.सी. गुप्ता ने कहा कि प्रदेश के लोगों को संतुष्टिपूर्ण सेवाएं देने के मकसद से अब पोर्टल पर कस्टमर रेटिंग की बजाय हैप्पीनेस रेटिंग किया जाएगा।

श्री गुप्ता आज नारनौल में हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत अधिसूचित सेवाओं की समीक्षा बैठक में अधिकारियों तथा प्रबुद्ध जनों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हैप्पीनेस रेटिंग के तहत सेवाएं व योजनाएं लेने वाले नागरिक के पास अधिकार है कि वह कुल पांच नंबर में से अधिकारियों को कितने नंबर देगा। इन अंकों से पता चल सकेगा कि लोग राज्य सरकार की सेवाओं से कितने संतुष्ट हैं।

उन्होंने कहा कि इसके लिए अधिकारियों को काम के साथ-साथ अपने व्यवहार में भी बदलाव लाना होगा ताकि आवेदक खुश होकर 5 में से कम से कम चार नंबर अवश्य दें।

श्री गुप्ता ने कहा कि पोर्टल पर अब एक और बदलाव किया गया है। पहले हैप्पीनेस रेटिंग पूरे पीरियड की होती थी लेकिन अब अधिकारी के चार्ज लेने के बाद उसके कार्यकाल की हैप्पीनेस रेटिंग अलग होगी।

इस नई व्यवस्था से अधिकारियों को अच्छे प्रकार से चिन्हित किया जा सकेगा। अच्छे अधिकारी को प्रशंसा पत्र तथा काम न करने वाले अधिकारियों को चेतावनी पत्र जारी किए जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि 1 नवंबर से पहले जिला महेंद्रगढ़ का स्कोर बोर्ड 9.5 से अधिक होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि एक नवंबर से पहले-पहले सभी लंबित आवेदनों का निपटान होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को झंझट रहित तथा समयबद्ध सेवाओं व योजनाओं का लाभ मिले। इसके लिए सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत हरियाणा के 31 विभागों की 546 सेवाएं सरकार ने नोटिफाइड की गई हैं।

मुख्य आयुक्त श्री टी.सी. गुप्ता ने कहा कि लोगों को समयबद्ध सेवाएं देने के लिए हरियाणा में ऑटो अपील सिस्टम यानी ‘आस’ लागू किया गया है। अब किसी भी प्रकार की ऑनलाइन सेवा व योजना के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है। उसकी पैरवी सिस्टम अपने-आप करेगा। उसके बाद भी अगर निर्धारित समय पर कार्य नहीं होता है तो उसकी अपील अपने आप एसडीएम, एडीसी तथा डीसी के पास चली जायेगी। इसके बाद भी निर्धारित समय पर काम नहीं होता है तो उसका आवेदन आयोग के समक्ष अपने-आप चला जाएगा।

आयोग की सचिव श्रीमती मीनाक्षी राज ने  कहा कि अब अधिकारियों व कर्मचारियों को अपना रवैया बदलना होगा।

बैठक में पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन तथा डीएमसी डॉ. जे.के. आभीर समेत अन्य अधिकारी और प्रबुद्ध नागरिक मौजूद थे।

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