धर्मपाल वर्मा

चंडीगढ़ – ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर कुछ चीजें स्पष्ट होने लगी हैं ।एक यह कि जहां इंडियन नेशनल लोकदल एक बार फिर अभय सिंह चौटाला को ही मैदान में उतार रहा है वहीं भरोसेमंद सूत्रों से जानकारी मिली है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ऐलनाबाद का उपचुनाव बरोदा की तरह खुद लड़ेगी ।

गोविंद कांडा ।

उम्मीदवार पुरानी चर्चाओं के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नजदीकी सिरसा के उम्मीदवार गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा को ही बनाया जा रहा है। श्री कांडा जहां ऐलनाबाद में गैर जाट चेहरा होंगे वही वे चुनाव में खर्चे को लेकर शायद पार्टी पर भी निर्भर ना हो ।भारतीय जनता पार्टी उन्हें चुनाव में उतार कर एक दाव यह भी खेलना चाहती है कि यदि गोविंद कांडा विधायक बनते हैं तो फिर गोपाल कंडा भाई के साथ भाजपा में शामिल हो जाएंगे और अपनी पार्टी का भी विलय कर देंगे । इससे भारतीय जनता पार्टी को एक जीत से दो विधायक मिल जाएंगे और विधानसभा में उसकी संख्या 40 से बढ़कर 42 हो जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि जाटों की अच्छी खासी आबादी के बावजूद यदि ऐलनाबाद से भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने में सफल हो जाती है तो फिर किसान आंदोलन का राजनीतिक असर शून्य होकर रह जाएगा और किसान आंदोलन से जुड़े नेता भी बैकफुट पर आ जाएंगे।

सूत्र बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री आरंभ से गोविंद कांडा की उम्मीदवारी के पक्ष में हैं और उपचुनाव में उनकी मर्जी से ही उम्मीदवार का फैसला होगा इसमें कोई संदेह नहीं है। गोविंद कांडा को उम्मीदवार बनाए जाने पर जननायक जनता पार्टी को भी कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए क्योंकि उनका मकसद इंडियन नेशनल लोकदल को हराना भी रहेगा । हल्के में जाट गैर जाट की बात की जाए तो गैर जाट मतदाताओं का प्रतिशत जाटों से ज्यादा है परंतु जानकार यह भी बताते हैं कि इस क्षेत्र में यह भावना उस कदर प्रभावशाली नहीं मानी जाती जैसा हरियाणा के देशवाली क्षेत्र में देखा जाता है। गोविंद कांडा इससे पहले रानियां से दो बार हरियाणा लोकहित पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं परंतु दोनों चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिल पाई ।गोपाल कांडा अपने भाई का पॉलीटिकल स्टेटस बनाने की हरचंद कोशिश करते रहते हैं और इस बार चुनाव के लिए तैयार नजर आ रहे हैं।

30 अक्टूबर को होने जा रहे इस उपचुनाव में अब सबकी नजर कांग्रेस की टिकट पर लग गई है देखना है कि कांग्रेस किस उम्मीदवार पर दांव लगाती है। यह उपचुनाव कांग्रेस ही नहीं कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल है कुमारी शैलजा ही नहीं उनके पिता स्वर्गीय चौधरी दलबीर सिंह भी सिरसा से सांसद रहे हैं। शैलजा के बारे में तो यह राय आम हो रही है कि वह अगला चुनाव शायद सिरसा लोकसभा क्षेत्र से ही लड़े। यह भी माना जा रहा है कि कांग्रेस का इलाहाबाद का उम्मीदवार कुमारी शैलजा की मर्जी का होगा।

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