• सरकार के किसान विरोधी रवैये के खिलाफ सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने घरौंडा अनाज मंडी में सांकेतिक धरना दिया
• दीपेंद्र हुड्डा ने मांग करी कि धान की खरीद तुरंत शुरु करे सरकार
• पहले बाजरे की खरीद से पीछे हटी अब धान की खरीद से पीछे हटती दिख रही सरकार – दीपेंद्र हुड्डा
• सड़क पर किसान को और मंडियों में उसके धान को पीट रही है सरकार – दीपेंद्र हुड्डा
• एमएसपी थी, है, और रहेगी के सरकारी दावे की असलियत आज सबके सामने – दीपेंद्र हुड्डा
• जलजमाव से त्रस्त किसान, न स्पेशल गिरदावरी करायी न कोई मुआवजा दिया – दीपेंद्र हुड्डा

करनाल, 2 अक्टूबर। सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज घरौंडा और करनाल अनाज मंडियों में पहुंचे और वहां किसानों से मुलाकात कर धान खरीद शुरु न होने पर नाराजगी व्यक्त की। सरकार के किसान विरोधी रवैये के खिलाफ सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मंडियों में धान की ढेरी पर सांकेतिक धरना दिया और सरकार से धान खरीद तुरंत शुरु करने की मांग की। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार सड़क पर किसान को और मंडियों में उसके धान को पीट रही है, एक के बाद एक आर्थिक वार और शारीरिक वार कर रही है। सरकार पहले बाजरे की खरीद से पीछे हटी, अब धान की खरीद से पीछे हटती दिख रही है। किसान अपनी फसल लेकर मंडियों में आ चुका है। मंडियां अनाज से अटी पड़ी हैं। सरकार फसल खरीद करने की बजाय तारीख पर तारीख दे रही है, उसके रवैये से किसानों में काफी निराशा है। सरकार बताए 11 तक किसान कौन से स्टोर में अपनी फसल रखें, कहां लेकर जाएं? उन्होंने एलान किया कि विपक्ष प्रदेश भर की मंडियों में जाकर सरकार को खरीद के लिये मजबूर करने का काम करेगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार हर हफ्ते अपनी बात से पीछे हटने का काम कर रही है। सरकार ने स्वयं कहा था कि 25 सितंबर से खरीद शुरु होगी। 25 से फिर 1 अक्टूबर की तारीख दी अब 1 तारीख को ऐन मौके पर 11 अक्टूबर की तारीख दे दी। हरियाणा में हर रोज किसानों पर अत्याचार हो रहा है। सरकार बाजरे की खरीद से भी पीछे हटती दिखी और अब धान खरीद में भी पीछे हटते हुए टाल-मटोल कर रही है, ताकि कम से कम खरीदना पड़े। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकारी खरीद से पीछे हटकर तीन कानूनों के माध्यम से खरीद प्रणाली को बड़े औद्योगिक घरानों के हवाले सौंपने की जो रूप रेखा सरकार लेकर आयी है उसकी आशंका पहले ही हमने जताई थी और आज वो सही साबित हो रही है।

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि मंडी में किसानों ने उन्हें बताया कि सरकारी खरीद न होने से उन्हें एमएसपी से कम पर औने-पौने भाव में अपनी फसल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार के उस दावे पर तंज कसा कि जो ये कहते थे कि एमएसपी थी, है और रहेगी उसकी असलियत आज सबके सामने है।

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार के घमंड, राजहठ की वजह से पिछले 10 महीनों से ज्यादा समय से किसान सडकों पर हैं, गतिरोध बना हुआ है। तीन कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन में भी किसान की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार किसानों को कुछ मान ही नहीं रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार किसान के खून पसीने की मेहनत के साथ मजाक नहीं कर रही। एक तरफ प्रदेश में जलभराव से किसान को काफी नुकसान हुआ। हमने मांग करी थी कि स्पेशल गिरदावरी कराकर किसानों को मुआवजा दिया जाए। न तो स्पेशल गिरदावरी करायी गयी न तो किसान को कोई मुआवजा मिला।

10 तारीख को मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र से शुरु होने वाले ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम की तैयारियों के संबंध में दीपेंद्र हुड्डा ने करनाल में वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज जनता इस सरकार से त्रस्त है। हरियाणा प्रदेश की अर्थव्यवस्था किसान और मजदूर कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है। साढे 7 साल की केंद्र सरकार और 7 साल की प्रदेश सरकार के कार्यकाल में हरियाणा को पटरी से उतारने का काम हुआ है। अर्थव्यवस्था पटरी से उतरी, कानून-व्यवस्था पटरी से उतरी, किसान, कर्मचारी आंदोलित हैं, मंदी की वजह से छोटा व्यापारी तो महंगाई और बेरोजगारी की वजह से गरीब आदमी त्रस्त है। ऐसे में विपक्ष की भूमिका है कि मजबूती से त्रस्त जनता की आवाज़ उठाए और सरकार को उनके वायदे भी याद दिलाए।

इस दौरान हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, विधायक धर्मसिंह छोक्कर, विधायक मेवा सिंह, विधायक बलबीर वाल्मिकी, विधायक गीता भुक्कल, पूर्व विधायक सुल्तान सिंह जडोला, पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान, पूर्व विधायक भीमसेन मेहता, पूर्व विधायक जिलेराम शर्मा, अनिल राणा, सुरेंदर नरवाल, रघुबीर सिंधु, त्रिलोचन सिंह, नयनपाल राणा, पंकज गाबा समेत अनेकों स्थानीय वरिष्ठ नेता कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।

error: Content is protected !!