सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ की मांग छात्रो से प्राइवेट स्कूलों का पिछला बकाया दिलाया जाए
हरियाणा प्राइवेट स्कूल चिल्ड्रन एंड वेलफेयर ट्रस्ट ने किया संघ का समर्थन

बंटी शर्मा सुनारिया

भिवानी :~वर्तमान में देश इतना डिजिटल हो चुका हैं कि देश के नागरिकों को सभी सुविधाएं घर बैठे प्राप्त हो रही हैं इसी कड़ी में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने भी इसी नक्शे कदम पर चलते हुए देश के सभी दूसरे शिक्षा बोर्ड को पीछे छोड़ दिया और डिजिटल के मामले में न. 1 पर पहुँच गया हैं और पिछले 50 साल के रिकॉर्ड को ऑनलाइन करते हुए डिजिटल की दुनिया के साथ साथ शिक्षा जगत में शिखर पर पहुँच गया हैं

वर्तमान में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने छात्रो कि सुविधा को देखते हुए अनुलिपि प्रमाण पत्र और प्रवर्जन प्रमाण पत्र ( माइग्रेशन) के रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया हैं अब हरियाणा शिक्षा बोर्ड से पास छात्रो को बोर्ड में जाने की आवश्यकता नही हैं वे घर बैठे ही अपने प्रमाण पत्र ऑनलाइन ही निकलवा सकते हैं इस बारे में हरियाणा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ जगबीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बोर्ड कार्यालय द्वारा वर्ष -1970 से 2021 तक के अनुलिपि प्रमाण पत्र और माइग्रेशन के लिए किए जाने वाले आवेदन को अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया गया हैं अथार्त विद्यार्थी अब आवेदन हेतु भिवानी ना जाकर पोर्टल के माध्यम से अपने स्थान से ही ऑनलाइन आवेदन कर सकता हैं और हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा विद्यार्थी या प्रार्थी द्वारा दिए गए पते पर पंजीकृत डाक के माध्यम से भेज दिया जाएगा

इसके लिए विद्यार्थियो को अलग अलग सुविधा के लिए अलग अलग निर्धारित शुल्क खर्च करना पड़ेगा जिसका पूर्ण विवरण बोर्ड की साइट पर भी दिया गया हैं जिसमे पहली अनुलिपि प्रमाण पत्र की कॉपी के लिए अलग और दूसरी प्रति के लिए अलग निर्धारित शुल्क देय हैं

हरियाणा शिक्षा बोर्ड के द्वारा अनुलिपि प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन करने पर सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ और हरियाणा प्राइवेट स्कूल चिल्ड्रन एंड वेलफेयर ट्रस्ट ने सराहनीय कदम बताया हैं और इसके लिए हरियाणा शिक्षा बोर्ड चेयरमैन डॉ जगबीर सिंह का आभार प्रकट किया हैं लेकिन साथ ही संघ ने पिछले 2 साल के अनुलिपि प्रमाण पत्रों पर ऑनलाइन करने की रोक लगाने की मांग की हैं संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सेठी का कहना हैं कि पिछले 2 साल से प्राइवेट स्कूलों का विद्यार्थियो की तरफ करोड़ो रूपये मासिक फीस बकाया हैं कोरोना के कारण पहले ही प्राइवेट स्कूलों के आर्थिक हालात खराब हो चुके हैं क्योकि पिछले 2 साल से स्कूलो में पढ़ने वाले छात्रो ने लॉक डाउन का हवाला देकर मासिक फीस नही दी और अब शिक्षा बोर्ड द्वारा अनुलिपि प्रमाण पत्र ऑनलाइन हो जाने के कारण विद्यार्थियो को अनुलिपि के लिए प्राइवेट स्कूलो में जाने की आवश्यकता नही रहेगी जिससे प्राइवेट स्कूलों की स्थिति पहले से बदद्दतर हो जाएगी

हरियाणा प्राइवेट स्कूल चिल्ड्रन एंड वेलफेयर ट्रस्ट के लीगल एडवाइजर सुशील नागपाल ने संघ का समर्थन करते हुए हरियाणा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ जगबीर सिंह से इस बात की मांग की हैं कि पिछले 2 साल के अनुलिपि प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन करने पर रोक लगाई जाए या फिर विद्यार्थियो को स्कूलो के माध्यम से ही अनुलिपि प्रमाण पत्र देने की मांग की ताकि विद्यार्थियो से प्राइवेट स्कूलो की पिछले 2 साल की मासिक फीस प्राप्त की जा सके और प्राइवेट स्कूलों का अस्तित्व बना रह सके सुशील नागपाल का कहना हैं कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने इस बात पर गौर नही किया तो इसके लिए प्राइवेट स्कूलों को कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेना पड़ेगा

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