भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। ऐलनाबाद उपचुनाव घोषित होते ही हरियाणा के सभी राजनैतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं लेकिन स्थितियां कुछ ऐसी हैं कि किसी के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। चुनाव भावनाओं और रणनीति से लड़ा जाएगा।

25 तारीख को इनेलो और जजपा ने ताऊ देवीलाल की जयंती बनाई और उस कार्यक्रम में दोनों दलों की असलियत सामने आई। याद आ रही हैं चंद पंक्तियां:तुम्हे जीना, तुम्हे मरना सिखाने कौन आएंगे, उन्हें मालूम है उनका कफन तक बेच खाएंगे।

इन दोनों के कार्यक्रमों में दोनों ही अपने आपको ताऊ देवीलाल की विरासत का हकदार बता रहे थे। वास्तविकता सब जानते हैं मुझे बताने की जरूरत नहीं।

 जजपा का कार्यक्रम जनउपस्थिति की दृष्टि से बहुत कमजोर रहा। यहां तक कि उनके विधायक तक नहीं पहुंचे। जजपा के लिए विचारनीय प्रश्न, हालांकि उस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार ताऊ देवीलाल के सिद्धांतों पर चल रही है।

इनेलो के जींद के कार्यक्रम में बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गई थीं। बड़े-बड़े नेता आएंगे, तीसरे मोर्चे का गठन होगा लेकिन आया कौन? अकाली दल से प्रकाश सिंह बादल, जेडीयू से केसी त्यागी और भाजपा से चौ. बिरेंद्र सिंह और आश्चर्य की बात कि ये नेता किसी न किसी रूप में भाजपा से जुड़े हुए हैं। प्रकाश सिंह बादल शुरू से ही भाजपा के साथ गठबंधन करते आए हैं। जेडीयू की तो बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन की सरकार है और बिरेंद्र सिंह भाजपा के पूर्व सांसद हैं तथा वर्तमान में उनका पुत्र भाजपा का सांसद है। जो इन्होंने ममता बैनर्जी, चंद्रबाबू नायडू, मुलायम सिंह, जयंत चौधरी, देवगौड़ा आदि के बारे में प्रचार किया था कि वे आएंगे और तीसरा मोर्चा बनेगा, सब टांय-टांय फिस्स और जनसमुदाय भी अनुमान से कम।

अब भाजपा की देखिए, भाजपा के मंत्री और नेता हरियाणा में स्वच्छंद भ्रमण भी नहीं कर सकते और अभी 23 तारीख को ही शहीद सम्मान समारोह में जो भाजपा की अंतर्कलह प्रकट हुई और आज जब भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम में कार्यक्रम कर रहे थे, तो भाजपा संगठन के नेता नजर नहीं आ रहे थे। तात्पर्य यह कि जनता से वह कटी हुई है, आपसी कलह से जूझ रही है और 25 तारीख को ही दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस के कार्यक्रम पर मुख्यमंत्री कहते हैं कि यह सरकार दीनदयाल उपाध्याय के रास्ते पर चल रही है।

उपमुख्यमंत्री कहते हैं कि सरकार देवीलाल के सिद्धांतों पर चल रही है, मुख्यमंत्री कहते हैं कि दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों पर चल रही है और प्रदेश की जनता का कहना है कि सरकार नरेंद्र मोदी के इशारों पर चल रही है। विचारनीय विषय है विचारो।

कांग्रेस खुद ही अंतर्कलह से जूझ रही है लेकिन फिर भी मजेदारी देखिए कि ऐसा लगता है कि उपचुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार भाजपा से आया पवन बैनीवाल होगा और पंजाब के बाद अनुमान लगाए जा रहे हैं कि हरियाणा कांग्रेस की स्थिति भी पंजाब जैसी हो सकती है।

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