सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा की खरीद सुनिश्चित करें : सुखबीर तंवर गुरुग्राम : 29 सितंबर इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुखबीर तंवर ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहा कि सरकार दुवारा बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपया प्रति किवंटल तय करने के बाद हरियाणा सरकार दुवारा बाजरा की सरकारी खरीद बंद करके भावांतर भरपाई योजना के नाम पर 600 रुपया तय करना अन्नदाता के साथ विश्वासघात है। भावांतर भरपाई योजना का लाभ 8 किवंटल प्रति एकड़ सिर्फ उन किसानों को मिल पायेगा जिनका पंजीकरण मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत है। जो किसान किसी कारणवश फसल का पंजीकरण नही करवा पाए उन्हें इस योजना से ही वंचित कर दिया गया है। जबकि हर फसल की गिरदावरी का काम सरकार की जिम्मेदारी है। इस वर्ष काफी वर्षों बाद मानसून में अत्यधिक वर्षा से बाजरा, मूंग और कपास की फसलों में भारी नुक्शान हुआ है। किसान को बाजरा का मुआवजा और न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बजाय किसान का बाजरा बाजार के हवाले करके औसत उत्पादन पर 600 रुपया प्रति किवंटल ऊंट के मुँह में जीरा है और किसान के साथ भद्दा मजाक है। किसान संगठनों दुवारा 10 माह से निरंतर जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की कानूनी गारंटी की मांग की सार्थकता सिद्ध हो गई। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी कानून लागू होने पर कोई सरकार किसान के साथ इस प्रकार का विश्वासघात नही कर पायेगी। प्रदेश सरकार अविलंब इस निर्णय को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा की सरकारी खरीद सुनिश्चित करके प्रदेश के किसान को राहत प्रदान करें। Post navigation अवैध रुप से गर्भपात कराने पर चिकित्सक को 3 साल की कैद केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने रखी 35 करोड़ रूपए के 9 विकास कार्यों की आधारशिला