पंचकुला —- पँजाब में जहां राजनेतिक दल फरवरी में होने वाले विधानसभा सभा चुनाव में जनता के बीच जाकर लोगों को लुभावने ख्वाब दिखा मोहने में लगे हैं । वहीं पँजाब कांग्रेस सत्ता की कुर्सी के मोह में आपसी दंगल कर नोटंकी करती नजर आ रही है । यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स के इंटरनेशनल निदेशक यतीश शर्मा ने एक प्रेसविज्ञप्ति जारी करते हुए कही ।

उन्होंने कहा कि पिछले 2 महीनों से पँजाब कांग्रेस ने जो नोटंकी लगा रखी है उसे देख कर पँजाब की आवाम का कांग्रेस पार्टी से मोह भंग होता जा रहा है । जिससे आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार साफ नजर आती है । जोकि कांग्रेस हाईकमान के लिये चिंता का विषय बनी हुई है । उन्हें डर है कि कही पँजाब में चुनाव जीतना तो बहुत दुर की बात कही उन्हें पँजाब में कांग्रेस की एक सीट भी मिल जाये वो गनीमत की बात होगी । जिस प्रकार से कांग्रेस पार्टी द्वारा पँजाब में होने वाले चुनाव में जो पेराशूट उतार कांग्रेस की जीत के ख्वाब देख रही है । वही उनके द्वारा उतारे गये पँजाब में पेराशूट ने पँजाब कांग्रेस में आपसी फूट डाल पँजाब कांग्रेस तीतर बितर कर रखी है । जोकि आने वाले पँजाब चुनाव में खतरे की घँटी साबित होते नजर आ रही है ।

उन्होंने कहा कि जब से ये पेराशूट कांग्रेस हाई कमान ने पँजाब की धरती पर उतारा है । तब से कांग्रेस पार्टी का ग्राफ पँजाब में कम हुआ है । जिसका जिम्मेदार कौन है यह कांग्रेस हाईकमान को नजर नही आ रहा ।

यतीश शर्मा ने कहा पँजाब के पूर्व मुख्यमंत्री महाराजा कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने दम पर पँजाब का चुनाव पिछली बार पूरे बहुमत से जितवा अपने पँजाब कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी का सबूत दिया था । और पिछले साढ़े चार सालों में पँजाब की आवाम के दर्द को अपना दर्द समंझ पूरी वफादारी से पँजाब की भलाई के कार्य किये है । लेकिन कांग्रेस हाईकमान द्वारा उतारे गये पेराशूट ने पँजाब कांग्रेस की नींव को हिलाने में ओर आपसी फूट डालने में कोई कसर नही छोड़ी । ओर हर बार महाराजा कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पेराशूट की कार्यप्रणाली पर बार बार कांग्रेस हाईकमान को बता सचेत किया पर जब उन्हें लगा कि कांग्रेस हाईकमान इस बात की गम्भीरता को नही समंझ रहा तो उन्होंने पँजाब की आवाम के लिये अपने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे अपना कर्तव्य निभाया । क्योंकि महाराजा अमरिंदर सिंह को सत्ता की कुर्सी का क़भी मोह नहीं रहा । उन्होंने हमेशा पँजाब की भलाई के लिये कार्य किये है और आगे भी करते रहेंगे । लेकिन पँजाब की आवाम को किसी भी खतरे में पड़ने देंगे ।

सोचने और समझने की बात तो यह है कि महाराजा होते हुए भी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जनता की सेवा में अपने कार्य करते रहे पर कांग्रेस पार्टी में इतने पुराने, सूझ बूझ व पँजाब की आवाम के दिलों में अपना घर बना चुके अमरिंदर सिंह के साथ ऐसा होगा ये पँजाब की आवाम को भनक तक ना थी । जबकि पँजाब की आवाम फरवरी में होने वाले चुनाव में महाराजा को अपना अगला मुख्यमंत्री बनाने में निर्णय ले चुकी थी । ओर आज भी पँजाब की आवाम महाराजा कैप्टन अमरिंदर सिंह को ही अपना नेता मानती है और हमेशा मानती रहेगी ।

इन विवादों के बीच जब महाराजा ने अपना त्याग पत्र महामहिम को दे अपनी सत्ता की कुर्सी छोड़ दी तब कांग्रेस हाईकमान के आदेशों के बाद दलित वर्ग से सम्बन्ध रखने वाले कर्मठ नेता चरणजीत सिंह चन्नी को पँजाब का मुख्यमंत्री बनाया गया ओर कुछ ही दिनों में जब चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने कार्य से आवाम का दिल जीता है वो गोर्वनिय बात है । लेकिन जब कांग्रेस पार्टी द्वारा पँजाब में उतारे गये पेराशूट ने मुख्यमंत्री चन्नी की चंद दिनों में लोकप्रियता देखी तो पेराशूट ने चन्नी के खिलाफ भी अपनी मुहिम शुरू कर दी ।

अब देखना है कि किस प्रकार से कांग्रेस हाईकमान चंद दिनों में हुई पँजाब राजनीति की उठा पटक में आगे क्या निर्णय लेती है । आपसी मतभेद से तीतर बितर हो चुकी पँजाब कांग्रेस को बचा पायेगी ?

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