चंडीगढ,पंचकूला। कोरोना वैक्सीनेशन की दोनों डोज न लगने के कारण पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में ड्राइवर भर्ती परीक्षा का पेपर देने से रोकने पर अभियार्थियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। साथ ही लगाए भ्रष्टाचार व अन्य अनियमताओं के आरोप है। रविवार को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने ड्राइवर भर्ती परीक्षा का पेपर लिया था, लेकिन बहुत सारे अभियार्थियों को पेपर देने की इजाजत नहीं दी गई क्योंकि उन्हें कोरोना वैक्सीनेशन की दोनों डोज नहीं लगी थी। ऐसे में कई अभियार्थियों ने एडवोकेट प्रदीप रापड़िया के माध्यम से याचिका दायर करके मामले को हाई कोर्ट के सामने उठाया है, जिसकी सुनवाई वीरवार को होगी। याचिका में हाई कोर्ट को पार्टी बनाने के अलावा रजिस्ट्रार विजिलेंस को भी पार्टी बनाया गया है। याचिका में दलील दी गई है कि अभियार्थियों को भेजे गए रोल नंबर में कोविड दिशा निर्देशों में वैक्सिनेशन की कोई शर्त नहीं थी, हालांकि फिर भी उन्होंने पहली डोज ले ली थी और दुसरी डोज के लिए 2-3 महीने बाद की तारीख दी गई है। इससे पहले अपनी मर्जी से कोई दूसरी डोज नहीं लगवा सकता। याचिका में ये भी दलील दी गई है कि किसी भी कानून के तहत किसी को वैक्सिनेशन के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। वैक्सिनेशन के बहाने उनके रोजगार के मौलिक अधिकार को छीना गया है। साथ ही याचिकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि परीक्षा केंद्र के बाहर कुछ लोग 1000-2000 रूपए लेकर कोविड नेगेटिव व वैक्सिनेशन डोज का सर्टिफिकेट बनाते देखे गए। और कुछ अभियार्थियों को बिना वैक्सिनेशन के सबूत चेक किए हुए भी परीक्षा केंद्र में जाने दिया गया। ऐसे में भ्रष्टाचार की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। मामले की सुनवाई वीरवार को निर्धारित हुई है। Post navigation करनाल में बसताड़ा टोल प्लाजा घटना की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए जांच आयोग नियुक्त तुरंत प्रभाव से पांच आईएएस तथा 16 एचसीएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी