राइट टू सर्विस एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मुख्य आयुक्त टी.सी. गुप्ता ने नूंह में की समीक्षा बैठक

चंडीगढ़, 21 सितंबर – हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा कि सभी विभाग वर्ष 2020 तक की लंबित सेवाओं के मामलों का निपटान 31 अक्टूबर तक करना सुनिश्चित करें। साथ ही, नागरिकों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं के मामले में रिजेक्शन रेट को भी कम से कम किया जाए।

        श्री गुप्ता आज नूंह में सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों तथा जिले के गणमान्य नागरिकों को संबोधित कर रहे थे।       

उन्होंने कहा कि फिलहाल सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में 546 सेवाएं हैं और जल्द ही 10 अन्य सेवाओं को भी आरटीएस के दायरे में लाया जाएगा। इसी कड़ी में आयुष्मान भारत, प्रॉपर्टी आईडी, परिवार पहचान पत्र में संशोधन, सीवरेज कनेक्शन, खाद व फसल विविधिकरण से जुड़ी योजनाओं, मनरेगा, स्वामित्व योजना के तहत किए गए पंजीकरण में संशोधन, छात्रों को प्रदान की जाने वाली मार्कशीट, डिग्री व स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट तथा महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण जैसी विभिन्न योजनाओं को सेवा का अधिकार अधिनियम में शामिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जल्द ही एक कॉल सेंटर की स्थापना भी की जाएगी, जिसमें देरी के मामलों में आवेदक फोन करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगे। नागरिक आरटीएससी-एचआरवाई डॉट जीओवी डॉट आईएन पर भी अपनी शिकायत आयोग को कर सकते हैं।       

श्री टी.सी. गुप्ता ने निर्देश दिए कि सेवाओं के निपटान के मामले में विभागों का स्कोर 10 में से कम से कम 9.9 होना चाहिए। इसके अतिरिक्त नागरिकों से सेवाओं के संबंध में ली जाने वाली फीडबैक के मामले में भी 5 में से कम से कम 4 अंक होने चाहिए। यदि इन बिंदुओं पर किसी भी अधिकारी की लापरवाही पाई गई तो उन्हें समन भेजकर मुख्यालय बुलाया जाएगा। ऐसे मामलों में 20 हजार रुपये तक की पैनल्टी लग सकती है और यदि किसी अधिकारी पर 3 बार इस प्रकार की पैनल्टी लग जाती है तो उसे नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि अभी तक लापरवाही के मामलों में आयोग ने 250 अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं।       

मुख्य आयुक्त श्री टी.सी. गुप्ता ने कहा कि फिलहाल 31 विभागों की 546 सेवाओं को आरटीएस में सूचीबद्ध किया गया है। इनमें से 277 सेवाएं ऑनलाइन हैं जबकि 85 सेवाएं ऑफलाइन प्रदान की जा रही हैं। इसके अलावा,184 सेवाएं अन्य पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ऑफलाइन सेवाओं को भी जल्द ही ऑनलाइन कर सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभागों के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सरकार द्वारा आम नागरिकों को दी जा रही सभी सुविधाएं समयबद्ध ढंग से मिलें। साथ ही, समय पर मिल रही इन सुविधाओं से नागरिकों की संतुष्टि भी जरूरी है।       

श्री टी.सी. गुप्ता ने कहा कि सेवाओं में जानबूझकर लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में ऑटो अपील सिस्टम शुरू किया गया है। इसमें सेवाओं में देरी के मामलों में स्वयं ही अपील फाइल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आवेदनों को बिना किसी ठोस कारण के रद्द किये जाने पर भी कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। बैठक में उन्होंने ऐसे अधिकारियों को कड़ी चेतावनी भी दी, जिनके पास लंबित आवेदनों की संख्या अधिक है। उन्होंने महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, बिजली, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा श्रम विभाग के अधिकारियों को अपनी कार्य-शैली में सुधार के लिए निर्देश दिए, वहीं अच्छा कार्य करने पर बागवानी विभाग की सराहना भी की। इस अवसर पर मुख्य आयुक्त ने गणमान्य नागरिकों से भी सेवाओं के सम्बंध में फीडबैक ली।       

इस अवसर पर फरीदाबाद मंडल के आयुक्त संजय जून, उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह, सेवा का अधिकार आयोग की सचिव मीनाक्षी राज और अतिरिक्त आयुक्त सुभिता ढाका समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। इस मौके पर डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता को हेरीटेज ऑफ मेवात पुस्तक भी भेंट की।

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