प्रो. विधु रावल……….[लेखक शिक्षाविद हैं और हरियाणा भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हैं।]

इसे संयोग कहें या नियति, चौ. ओमप्रकाश धनखड़ के आह्वान पर हरियाणा भर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुख्यालयों के सामने ज़ोरदार प्रदर्शन किया और चंद घण्टों में ही कांग्रेस पार्टी ताश के पत्तो की तरह ढह गई। भाग्य का फेर देखिए कि इधर धनखड़ के धरने समाप्त भी नही हुए उधर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पूरी कैबिनेट सहित इस्तीफा देने की खबर आ गई और हरियाणा के जो कांग्रेसी नेता पिछले तीन दिन से अमरिंदर के हरियाणा-विरोधी बयान पर मुँह में दहीं जमाए बैठे थे, अचानक से उनका मुँह भी कैप्टन अमरिंदर के विरुद्ध खुलने लगा।

हरियाणा के किसी कोने में बीमार भैंस की मौत पर भी ट्विटर पर आकर भाजपा को कोसने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला हो या बयान देकर पलट जाने के लिए मशहूर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्षा कुमारी शैलजा या चाहे कभी केसरिया पगड़ी पहनकर G-23 तो कभी गांधी परिवार को रिझाने में कंफ्यूज हो चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा हों, हरियाणा की आर्थिक नाकेबंदी कर हरियाणा वालों की सांसें रोकने के कैप्टन अमरिंदर के फरमान का तीन दिन तक विरोध किसी ने नही किया। साफ हो गया कि कांग्रेस के इन नेताओं का हरियाणा के हित और हरियाणा वासियों की जान-माल की सुरक्षा से कोई सरोकार नही है।

प्रधानमंत्री मोदी पिछले 7 सालों से जैसे देश का एजेंडा तय कर रहे हैं, उन्ही की राह पर चलते हुए ओमप्रकाश धनखड़ भी जब से हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बने हैं तभी से लगातार हरियाणा में विमर्श का एजेंडा तय कर रहे हैं। धनखड़ न केवल पॉलिटिकल डिस्कोर्स में किसी भी अनछुए विषय को चर्चा के केंद्र में लाने की अद्भुत क्षमता रखते हैं बल्कि अकल्पनीय इच्छाशक्ति के बूते उन विषयों को उचित मुकाम तक ले जाने की ताकत भी उनमें है।

कांग्रेस की सरकार आठ वर्षों तक स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को दबाकर बैठी रही तो देशभर में आंदोलन कर भाजपा किसान मोर्चा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने ही स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग देश के हर किसान की ज़ुबान पर चढ़ा दी। फलस्वरूप मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही A2+FL के फार्मूले से MSP देने का ऐतिहासिक फैंसला लेकर किसान की आय बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होने वाला कार्य किया। स्वामीनाथन आयोग की ही एक महत्वपूर्ण सिफारिश के आधार पर मोदी सरकार ने फसल बीमा जैसी महत्वाकांक्षी योजना लागू की तो हरियाणा के कृषि मंत्री रहते हुए धनखड़ के प्रभावी क्रियान्वयन के कारण ही इस योजना को लागू करने में हरियाणा देशभर में मॉडल राज्य बना।

2014 में जब हरियाणा में भाजपा की सरकार बनी तब हरियाणा सरकार का प्राकृतिक आपदा के कारण हुए खराबे का मुअफ़ज़ा ₹6000 प्रति एकड़ देने का प्रवधान था, जिसे कृषि मंत्री बनते ही ओपी धनखड़ ने ₹12000 प्रति एकड़ करवा दिया जो आज भी पूरे भारत में सबसे अधिक है। धनखड़ की ही पहल पर ही हरियाणा सरकार ने हरियाणा में भावन्तर भरपाई योजना लागू की और फिर हरियाणा के किसान की मक्का, बाजरा, सूरजमुखी, सरसों समेत 11 फसलों को MSP दाम पर खरीदने का ऐतिहासिक निर्णय लेकर हरियाणा को देश के सबसे ज्यादा किसान हितैषी राज्य के रूप में प्रस्थापित किया।

ओपी धनखड़ अप्रत्याशित योजनाओं के असम्भव क्रियान्वयन को भी बड़ी सरलता से करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत इरादों और जीवटता से प्रेरणा पाकर और अथक परिश्रम के बूते हरियाणा के समकालीन राजनीतिज्ञों में धनखड़ एक अलग स्थान बनाने में कामयाब हुए हैं और यही कारण है कि आंदोलन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक का विश्वास उनपर लगातार बढ़ता जा रहा है।

error: Content is protected !!