बड़ी राजनैतिक घटनाएं जुड़ी हैं राव तुलाराम से
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने पर नरेंद्र मोदी की पहली रैली हुई थी रेवाड़ी में
प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ सुधारेंगे अपनी भूल
राव इंद्रजीत सिंह का कद तय करेगा शहीद सम्मान समारोह

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। दक्षिणी हरियाणा में इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन और किसान आंदोलन से अधिक चर्चा शहीद सम्मान समारोह की ही हो रही है। पाटौदा में प्रथम बार भव्य समारोह होने जा रहा है। इसकी अध्यक्षता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ करेंगे और मुख्यमंत्री का किरदार केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह निभाएंगे। वैसे चर्चा यह है कि यह समारोह राव इंद्रजीत के निर्देश और प्रयासों से ही हो रहा है।

राव इंद्रजीत सिंह इस समारोह के मुख्य अतिथि हैं लेकिन वह और उनके समर्थक इस कार्यक्रम के लिए लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं। देखने में यह आ रहा है कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की जो जन आशीर्वाद यात्रा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कराई थी, उसके पश्चात राव इंद्रजीत समर्थकों में रोष उत्पन्न हुआ। उनका विचार है कि मुख्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह के स्थान पर भूपेंद्र यादव को यहां का नेता बनाना चाहते हैं और निष्क्रिय पड़े राव के समर्थक सक्रिय हो गए और राव साहब पर कुछ करने के लिए दबाव बनाया। ऐसा माना जाता है कि इसी के परिणाम स्वरूप विशाल शहीद सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है।

शहीद राव तुलाराम दक्षिणी हरियाणा के लिए बहुत अहमियत रखते हैं और इसे संयोग कहें या रणनीति कि नरेंद्र दामोदर दास मोदी जब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित हुए तो उन्होंने अपनी पहली रैली शहीद सम्मान रैली के नाम से राव तुलाराम की स्थली पर ही की और उसके बाद वह सफलता के सोपान चढ़ते हुए प्रधानमंत्री के पद पर विराजित हुए।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ जब पिछली सरकार में कृषि मंत्री थे और झज्जर से विधायक बने थे, उस समय कुछ शरारती तत्वों ने पाटौदा की राव तुलाराम की मूर्ति के साथ छेड़छाड़ की थी। तब ओमप्रकाश धनखड़ ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और शरारती तत्वों को ढूंढकर सहयोग नहीं किया। फिर वहां राव इंद्रजीत सिंह पहुंचे और उनके कहने से शरारती तत्वों को सजा दिलाई गई। उसी समय वहां के लोगों ने धनखड़ जी को कह दिया था कि परिणाम चुनाव में भुगतने पड़ेंगे और धनखड़ जी ने भुगते। अपनी झज्जर जीत से मोदी की हवा में भी पटौदी से आए कुलदीप वत्स जो कभी राव इंद्रजीत सिंह का शिष्य हुआ करते था, उससे चुनाव हार गए। अब पाटौदा वालों ने उनसे अध्यक्षता करने की अपील की तो उन्होंने स्वीकार ली तो लोगों का कहना है कि जब उन्होंने अपनी भूल सुधार ली है तो गुस्सा समाप्त।

राव इंद्रजीत सिंह लगभग 50 वर्ष से राजनीति कर रहे हैं और वर्तमान समय में जब आदमी राजनीति में प्रवेश करता है तो ही भ्रष्टाचार के आरोप लगने लग जाते हैं। राव साहब पर आज तक कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। यहां तक कि उनका साथ छोडऩे वाले और भाजपा में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता और भाजपा के प्रदेश उपाध्क्ष जीएल शर्मा भी यही कहते हैं कि उन्होंने हमारी टिकट नहीं दिलाई, इसलिए हमने उनका साथ छोड़ा। तात्पर्य यह कि विपक्षी भी उन पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा रहे।

 इस समय जो व्यक्ति निष्क्रिय हो गए थे, वह भी सक्रिय होकर इस सम्मान समारोह के लिए जनता को आमंत्रित कर रहे हैं। उनमें एक नाम भोपाल राव का भी है। उनका कहना भी यह था कि जब मैं चुनाव लड़ा तो राव साहब ने मेरी मदद नहीं की थी लेकिन अब वह भी मीटिंगें कर-करके लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं। तात्पर्य यह कि राव इंद्रजीत के सभी नए-पुराने समर्थक सक्रिय हो गए हैं इस शहीद सम्मान समारोह को भव्य बनाने के लिए।

बड़ा सवाल यह भी है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ भी इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं। उनकी ओर से अभी कोई ऐसे प्रयास देखने में आए नहीं हैं कि वह लोगों को इस समारोह के लिए आमंत्रित कर रहे हों। कहा जाता है कि शहीद किसी समाज या किसी पार्टी विशेष का नहीं होता, वह तो सबका होता है। परंतु यहां देखने में यह मिल रहा है कि इस समारोह को सफल बनाने के लिए राव इंद्रजीत और उनके समर्थक ही सक्रिय हैं। यह दिगर बात है कि कुछ भाजपाई भी अब इंद्रजीत के समर्थक बन गए हैं तो वह भी सक्रिय हैं।अत: कहा जा सकता है कि यह समारोह वर्तमान में दक्षिणी हरियाणा में राव साहब के कद का अवलोकन कराएगा।

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