हरियाणा भाजपा द्वारा कांग्रेस मुख्यालयों पर धरना नौटंकी करने का औचित्य ही क्या है?
19 सितम्बर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में दावा किया कि शनिवार को कांग्रेस कार्यालय के बाहर धरना देने की हरियाणा भाजपा की नौटकी पूर्णतया असफल रही और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसान आंदोलन के संदर्भ में धरने के नाम पर विभिन्न जिलों में धरना करने आये भाजपा नेताओं को धरना स्थलों से चुपचाप खिसकने को मजबूर कर दिया।
विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस पहलेे ही दिन से खुलेआम कह रही है कि वह तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ है और इन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे अन्नदाता किसानों के संघर्ष के साथ मजबूती के साथ खड़ी है। जब कांग्रेस विगत एक साल से अपना स्टैंड साफ करके तीन काले कृषि कानूनों खिलाफ विरोध जता रही है, तब हरियाणा भाजपा द्वारा कांग्रेस मुख्यालयों पर धरना नौटंकी करने का औचित्य ही क्या है? कांग्रेस कार्यालय पर सत्ताधारी भाजपा ने धरना देने की नौटंकी करके एक तरह से अपना किसान विरोधी काला चेहरा फिर बेनकाब कर दिया। वहीं इस धरना नौटंकी ने यह भी साबित कर दिया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं में किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस से लडने की हिम्मत भी नही है।
विद्रोही ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिस पुरजोर ढंग से कांग्रेस मुख्यालयों पर कथित धरना देने आये भाजपाई-संघीयों का विरोध किया, उससे घबराकर अनेक स्थानों पर धरने में भाग लेने आये भाजपा के विधायक व वरिष्ठ नेता चुपचाप धरने से खिसक गए। कांग्रेस कार्यालयों में धरना नौटंकी करने आये भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का इस तरह धरना स्थल से चुपचाप खिसकना मुंह बोलता प्रमाण है कि भाजपा नेताओं में कांग्रेस का विरोध करने का नैतिक साहस नही है और वे जानते है कि उनकी इस नौटंकी का उल्टा असर होगा। विद्रोही ने कहा कि मानसिक रूप से भाजपा-संघी नेता मान चुके है कि भविष्य में लोकसभा-विधानसभा चुनाव में हरियाणा में उनकी दाल नही गलने वाली है और भाजपा की प्रदेश में हार तय है। भाजपा द्वारा अन्नदाता किसान का विरोध करके और मोदी-शाह, अम्बानी-अडानी जैसे बड़े पंूजीपतियों की दलाली करने से भाजपा कार्यकर्ता ना केवल मायूस है अपितु जनविरोध से डरे व घबराये हुए भी है।