राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों का खुलासा – वर्ष 2020 में अपराध दर में हरियाणा रहा देश में तीसरे नंबर पर 
हरियाणा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और विशेष और स्थानीय कानूनों (एसएलएल) अपराधियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट फ़ाइल करने में बड़े राज्यों में हरियाणा रहा सबसे आख़िरी नंबर पर

चंडीगढ़, 17 सितम्बर 2021 – वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि प्रदेश में बढ़ते अपराधों के लिए भाजपा सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार है, जिनकी वजह से हरियाणा जैसा शांतिपूर्ण प्रदेश अपराध का केंद्र के रूप में जाना जाने लगा है और वर्ष 2020 में तो हरियाणा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और विशेष और स्थानीय कानूनों (एसएलएल) अपराध दर के मामले में प्रदेश पूरे देश में तीसरे नंबर पर रहा।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और गृह मंत्री अनिल विज से पुछा है कि वर्ष 2020 के आईपीसी और एसएलएल अपराधों के लिए अपराधियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट फ़ाइल करने में बड़े राज्यों में सबसे फिसड्डी रहते हुए (मणिपुर, मेघालय राज्यों को छोड़कर) आख़िरी नंबर पर क्यों आया है। चार्जशीट फ़ाइल करने में राष्ट्रीय औसत दर 82.5 थी पर हरियाणा की केवल 39.7 क्यों रही?

सुरजेवाला ने कहा कि चार्जशीट फ़ाइल करने में ढिलाई और सरकार के ढीले रवैये से हरियाणा में अपराध पिछले सात सालों में लगातार बढ़ा है, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है। वर्ष 2020 में हरियाणा में 1,165 हत्या, सामूहिक बलात्कार के 163  मामले, बलात्कार के 1,373  मामले, और अपहरण के 2,949 मामले हुए, इसका मतलब है कि लॉकडाउन और कोरोना के बावजूद हर दिन लगभग तीन हत्याएं, चार बलात्कार, आठ अपहरण हुए।

सुरजेवाला ने कहा की हरियाणा में वर्ष 2020 में हुई 1,165 हत्याएं छोटे से प्रदेश हरियाणा के लिए बहुत बड़ा आंकड़ा है। वर्ष 2020 में 3.9 हत्या प्रति लाख व्यक्ति की दर से हरियाणा हत्या दर में देश के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में दूसरे नंबर पर रहा। सबसे हैरानी की बात है कि हरियाणा पुलिस इनमें से 105 हत्याओं को ब्लाइंड मर्डर मानती है।

सुरजेवाला ने कहा कि एनसीआरबी आँकड़ों के अनुसार 2,949 अपहरण के साथ हरियाणा 10.1 अपहरण प्रति लाख की दर से देश में दूसरे स्थान पर है। इनमें से 197 और 1,301 तो अठारह साल से कम के बालक व बालिकाएँ थी। हरियाणा पुलिस इन 2,949 अपहरणों में से केवल 18.1 प्रतिशत की चार्जशीट फ़ाइल कर पाईं और 1,377 अपहृतों को तो हरियाणा पुलिस एक साल में भी रिकवर भी नहीं कर पाई, जो राज्य में कानून व्यवस्था की भयावह स्थिति तथा लगातार बिगड़ रही कानून व्यवस्था की दुखद कहानी बताते हैं।

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