एक्सटेंशन लेक्चरर की नीति में संशोधनों को मंजूरी : मुख्यमंत्री मनोहर लाल

चंडीगढ़, 10 सितंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने एक्सटेंशन लेक्चरर्स की नीति में एक शैक्षणिक वर्ष में एक सेमेस्टर(कम से कम 90 दिन) के लिए कार्य करने वाले एक्सटेंशन लेक्चरर्स को ‘समायोजित’ करने और उन्हें ‘विस्थापित एक्सटेंशन लेक्चरर’ मानने जैसे संशोधन करने सहित विभिन्न संशोधनों की स्वीकृति प्रदान की है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार को एक्सटेंशन लेक्चरर वेलफेयर एसोसिएशन से एक प्रतिवेदन प्राप्त हुआ था, जिसमें उन्होंने अपनी विभिन्न समस्याएं व शिकायतें रखी थीं।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के साथ विचार-विमर्श करने के उपरांत एक्सटेंशन लेक्चरर की नीति में संशोधनों को मंजूरी दी, जिनके अनुसार केवल ऐसे व्यक्ति, जिसने एक शैक्षणिक वर्ष में कम से कम एक सेमेस्टर/90 दिनों के लिए एक पात्र एक्सटेंशन लेक्चरर के रूप में कार्य किया हो, लेकिन जिसे कार्यभार कम होने के कारण/स्थानांतरण/ प्रतिनियुक्ति या नई नियुक्ति के माध्यम से नियमित असिसटेंट/एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति के कारण कार्यमुक्त कर दिया गया था, को समायोजित किया जाएगा और उन्हें ‘विस्थापित एक्सटेंशन लेक्चरर’ के रूप में माना जाएगा। हालांकि, ऐसे व्यक्ति को कॉलेज के प्रमुख द्वारा जारी उचित अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। विभाग द्वारा ऐसे अनुभव प्रमाण पत्र का टेम्प्लेट सभी कॉलेजों को उपलब्ध करवाया जाएगा। 

प्रवक्ता ने बताया कि एक्सटेंशन लेक्चरर एक कलैण्डर वर्ष में 12 आकस्मिक अवकाश के हकदार होंगे। यदि वह निर्धारित अवधि के भीतर अवकाश का लाभ नहीं उठाता है तो वह अवकाश समाप्त नहीं होगा और वह उसी वर्ष में किसी भी समय इसका लाभ उठा सकता है। इससे पूर्व, एक्सटेंशन लेक्चरर 12 आकस्मिक अवकाश यानी एक अवकाश प्रति कैलेंडर माह के हकदार थे और इस अवकाश को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता था।

प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा, एक्सटेंशन लेक्चरर्स, जिन्होंने 4 मार्च, 2020 को जारी नीति की अधिसूचना के दिन या उससे पहले यूजीसी मानदंडों के अनुसार नेट / पीएचडी की योग्यता हासिल की है और जिन्होंने एक शैक्षणिक वर्ष में कम से कम एक सेमेस्टर या 90 दिनों के लिए एक्सटेंशन लेक्चरर के रूप में कार्य किया है, को पुनर् समायोजन के लिए पात्र माना जाएगा।

Previous post

करनाल : किसान आंदोलन ने पकड़ी रफ्तार, गुरुनाम चढूनी की कॉल पर पंजाब से हजारों किसान रवाना

Next post

निहित राजनीतिक हितों के लिए राव तुलाराम के शहादत दिवस को भी हथियार क्यों बना रहे है इन्द्रजीत : विद्रोही

You May Have Missed

error: Content is protected !!