रेवाड़ी, 10 सितम्बर 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से सवाल किया कि यदि उनके कथन अनुसार मनेठी-माजरा एम्स के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार ने सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली है तो माजरा के किसानों से 140 एकड़ जमीन व माजरा ग्राम पंचायत की 60 एकड़ जमीन अधिग्रहण करके उन्हे समझौते अनुसार 40 लाख रूपये प्रति एकड़ मुआवजा देने में अनावश्यक देरी क्यों हो रही है? विद्रोही ने पूछा कि जब तक सरकार जमीन अधिग्रहण करके उसका मुआवजा किसानों को देकर जमीन अपने कब्जे में नही लेती, तब तक मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से पत्रकारों के समक्ष यह कैसे कह सकते है कि मनेठी-माजरा एम्स संदर्भ में हरियाणा सरकार ने सभी औपचारिकताऐं पूरी कर ली है। मुख्यमंत्री पहले धरातल पर सभी वैद्यानिक औपचारिकताएं पूरी करे, फिर इस संदर्भ में दावा करे। मनेठी माजरा एम्स निर्माण के प्रति जो गंभीरता व ईमानदारी मुख्यमंत्री खट्टर व भाजपा सरकार को दिखानी चाहिए थी, उसका शुरू से ही अभाव है। 

विद्रोही ने कहा कि सरकार मनेठी-माजरा एम्स निर्माण के प्रति कदम तो उठा रही है, पर बेमन से कछुआ गति से। मुख्यमंत्री खट्टर जी कुछ कहे या न कहे, उनके कदमों से साफ है कि अहीरवाल की जनता के भारी दबाव के चलते वे एम्स निर्माण करवाने को बेमन से मजबूर तो हुए है, पर इस कार्य को तेज गति से करने की उनकी मंशा दूर-दूर तक नजर नही आती। एम्स जैसे दीर्घकालिक प्रभाव वाले बड़े स्वास्थ्य प्रोजेक्ट के प्रति मुख्यमंत्री रूटीन का सामान्य रवैया अपना रहे है जैसे उन्होंने ठान लिया है कि मनेठी-माजरा एम्स जब बनेगा तब बन जायेगा। मेरी सरकार को इस संदर्भ में ज्यादा सक्रियता व तेजी दिखाने की जरूरत नही है। विद्रोही ने कहा कि एम्स जैसेे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संस्थान के प्रति सरकार का यह रवैया ही बताता है कि अहीरवाल-दक्षिणी हरियाणा के विकास व सरोकारो के प्रति खट्टर-भाजपा सरकार कितनी गंभीर व ईमानदार है। 

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