प्रति पोली हाऊस की 93,015 रुपये की सब्सिडी की रिकवरी के आदेश
सीएम विंडो की अपील ,गलत जानकारी और गलत तरीके से सब्सिडी न ले किसान
पोली हाऊस किसानों की आय बढ़ाने का एक नायाब तरीका है
चण्डीगढ़, 8 सितम्बर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के अंतोदय की भावना से समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लक्ष्य के साथ आरम्भ की गई सीएम विंडो एक ओर जहां लोगों की शिकायतों को सुलझाने में अहम भूमिका निभा रहा है तो वही दूसरी ओर गलत तरीके से विभिन्न योजनाओं पर ली गई सरकारी सब्सिडियों की रिकवरी के आदेश भी जारी कर रहा है।
मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री भूपेश्वर दयाल के अनुसार सरकारी योजनाओं पर गलत जानकारी व गलत तरीके से ली जाने वाली सब्सिडियों से अपात्र लोग समाज में गलत संदेश देकर सरकारी खजाने को नुकसान पहंचाते हैं इसलिए सीएम विंडो की अपील है कि ऐसा करने करने से बचें । उन्होंने कहा कि पोली हाऊस जैसी स्कीमों से किसान कम लागत में अधिक सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं और अपनी आय बढ़ा सकते हैं ।
इस सम्बन्ध में और अधिक जानकारी देते हुए श्री भूपेश्वर दयाल ने बताया कि सीएम विंडो पर अम्बाला जिले की बराड़ा तहसील की गंगनपुर गांव के रामचन्द्र ने शिकायत दी थी कि उसके गांव के कल्याण सिंह ने 2-3 साल पहले अपने खेत में चार पोली हाऊस बनाये थे। अब उसने 2-3 महीने पहले इन पोली हाऊस को तोडकऱ कबाड़ी को बेच दिया है और सरकार के साथ धोखधड़ी की है।
श्री भूपेश्वर दयाल ने बताया कि 17 जुलाई 2020 को रामचंद्र की शिकायत नं0 043542 सरकारी स्कीम का दुरुपयोग करने बारे शीर्षक से सीएम विंडो पर अपलोड की गई थी। शिकायत की जांच में पाया गया कि कल्याण सिंह को 4 पोली हाऊस के लिए वर्ष 2016-17 में 93,015 रुपये प्रति पोली हाऊस की सब्सिडी का लाभ दिया गया। नियमानुसार लाभपात्र को पोली हाऊस के ढांचे को 10 वर्षो की अवधि के लिए सुरक्षित रखना होता है। परन्तु कल्याण सिंह ने 3 वर्ष बाद ही पोली हाऊस के ढांचे को तोडकऱ कबाडियों को बेच दिया था। सीएम विंडो के सख्त रवैये की वजह से विभाग द्वारा कार्रवाई की गई और उससे प्रति हाऊस 93,015 रुपये की दर से 3,72,060 रुपये की रिकवरी करने के आदेश दिए गए। इतना ही नहीं कल्याण सिंह को शिकायत के तहत उद्यान विभाग की सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के अनुदान से आगामी 5 वर्षो के लिए वंचित किया गया है। सीएम विंडो की कार्रवाई से शिकायतकर्ता ने संतुष्टि व्यक्त की है।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री के टिवटर हैंडल पर जिला फतेहाबाद से टिकट नं0 3267914 के माध्यम से प्राप्त एक शिकायत की ‘सर हमें वर्ष 2020-21 की ‘‘मेरा पानी मेरी विरासत’’ की अनुदान राशि नहीं मिली।’ इस पर सीएम विंडो द्वारा तत्काल संज्ञान लिया गया और उप-निदेशक, कृषि फतेहाबाद को जांच करने को कहा गया उन्होने अपनी 18 अगस्त 2021 को भेजी गई रिपोर्ट में सूचित किया गया कि शिकायतकर्ता किसान द्वारा ‘‘मेरा पानी-मेरी विरासत’’ योजना के तहत कपास की बिजाई करने उपरान्त अपना पंजीकरण करवाया था, परन्तु जब पटवारी व खण्ड तकनीकी प्रबंधक टोहाना द्वारा खेत का निरीक्षण किया तो उस समय किसान ने उक्त खेत में कपास की जगह धान की रोपाई की हुई थी। इस कारण किसान योजना का पात्र नहीं बनता आगे की कार्रवाई करते हुए जब इस बारे किसान से सम्पर्क किया गया और सभी तथ्यों से अवगत करवा दिया कि पहले उसने कपास की बिजाई की हुई थी और कपास की फसल खराब होने के कारण धान लगा दिया। इतना ही नही नवदीप ने अपना खेत दूसरे व्यक्ति को ठेके पर दिया हुआ था।
उन्होंने बताया कि सीएम विंडो की कार्रवाई पर नवदीप ने संतोष व्यक्त किया और रि-टिवट किया कि कृषि विभाग द्वारा मेरी समस्या का समाधान कर दिया गया है। धन्यवाद सर।