– किसानों को उनकी उपज की लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होने की मांग को लेकर दिया धरना 
-उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। देश में कृषि बिल को लेकर किसान आंदोलन पर भाजपा के आईटी सेल विभिन्न प्रकार का टीका टिप्पणियां कर रहे हैं उनकी ही लीक से हटकर उनसे ही संबंधित संगठन भारतीय किसान संघ भी विरोध में उतर आया। आखिरकार सरकार क्यों हठ पर अड़ी है इसका जवाब न तो संघियो के पास है ना भाजपा के कट्टर भक्तो के पास। बताया जा रहा है कि आज भारतीय किसान संघ के द्वारा देश भर में जिला मुख्यालय प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिए गए हैं धरने आयोजित किए गए है।

भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष कँवर सिंह यादव कलवाड़ी ने डीसी नारनौल को ज्ञापन देते हुए बताया कि हमारी मांग है कि सरकार किसानों के साथ न्याय करें। किसान की लागत लगातार बढ़ती जा रही है और उसकी तुलना में समर्थन मूल्य बहुत कम है। सरकार को किसान की लागत व श्रम का मूल्यांकन करना चाहिए और उसके अनुसार ही लाभकारी मूल्य तय किए जाए। इसमें ही किसानों व देश का हित है। धरने को सम्बोधित करते हुए मेहर चंद ठाकुर मुडियाखेड़ा ने किसानों से कहा कि किसानों से जुड़े हुए प्रत्येक उद्योग तो फल फूल रहे है दूसरी तरफ देश का अन्नदाता किसान गरीब और कर्जदार होता जा रहा है। बाजार भाव तथा समर्थन मूल्य में बहुत अंतर होता है। केवल एक दो राज्यों के किसानों को ही थोड़ा बहुत लाभ समर्थन मूल्य का मिल रहा है बाकी देश का किसान इससे वंचित है। भारतीय किसान संघ के नेता चिरंजीलाल दुलोठ जाट ने बताया कि सभी कृषि संस्थान उत्पादन बढ़ाने में तो लगे हुए हैं परन्तु किसान की आय की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। देशराज कलवाड़ी ने कहा कि सरकार किसानों को खेती से हटाकर सड़कों पर आने के लिए मजबूर न करें। हम देश की उन्नति में अपना सबकुछ देते है तो सरकार का भी फर्ज है कि हमारी ओर ध्यान दे ताकि देश आगे बढ़े।

इस अवसर पर प्रकाश चंद दोंगडा अहीर, सत्यपाल, बाबूलाल, बनवारी लाल, किसनलाल तुर्कियावास, ईश्वर, गजेंद्र बोहरा,रामचंद्र आदि उपस्थित थे।

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