किसान आंदोलन के दौरान भाजपा सरकार ने हरियाणा में लगाई है सबसे ज्यादा बार धारा-144 भाजपा सरकार को सोचना चाहिए कि इंटरनेट बंद होने से जनजीवन हो जाता है अस्त-व्यस्त बार-बार इंटरनेट बंद करना और धारा-144 लगाना किसी भ्ी समस्या का हल नहीं चंडीगढ़, 7 सितंबर: तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ बसताड़ा टोल पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा 28 अगस्त को किए गए लाठीचार्ज के दोषियों को सजा दिलवाने और पुलिस की मार से शहीद हुए किसान सुशील काजल को न्याय दिलाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर करनाल में बुलाई गई महापंचायत को रोकने के लिए भाजपा गठबंधन सरकार ने इतनी बड़ी तादाद में चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षाबल के जवानों को तैनात किया, करनाल समेत कुरूक्षेत्र, कैथल, पानीपत और जींद जिलों में इंटरनेट सेवाओं को 24 घंटे के लिए बंद रखा, रेत से भरे ट्रकों को अड़ा कर रास्ते ब्लॉक किए गए, धारा-144 लगाकर शहर में एंट्री बैन कर करनाल को कश्मीर बना दिया। इससे साफ हो गया है कि भाजपा प्रदेश में तानाशाही शासन चलाना चाहती है। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने किसानों द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन करने को उनका संवैधानिक अधिकार बताते हुए समर्थन किया और कहा कि पिछले नौ महीनों में किसान आंदोलन के दौरान भाजपा सरकार ने हरियाणा में सबसे ज्यादा बार धारा-144 लगाई गई है। धारा-144 की आड़ में भाजपा ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी हैं। सरकार जानबूझ कर बाप और बेटे को आमने-सामने खड़ा करके टकराव की स्थिति पैदा करना चाहती है। लेकिन देश और प्रदेश की जनता किसानों को बदनाम करने के लिए भाजपा द्वारा रचे गए षडय़ंत्रों का सच जान चुकी है जिस कारण से प्रदेशवासियों का विश्वास भाजपा से पूरी तरह उठ चुका है। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार को सोचना चाहिए कि इंटरनेट बंद होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त और व्यापारियों के व्यापार ठप पड़ जाते हैं, आम आदमी जो मोबाइल इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करता है उसको बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है, आनलाइन क्लासेज होने के कारण बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होता है। बार-बार इंटरनेट बंद करना और धारा-144 लगाना किसी भी समस्या का हल नहीं है। Post navigation 15 सितम्बर तक मांगें पूरी नहीं हुई तो एक बार फिर होगा कार्यवाहक महाप्रबंधक के साथ टकराव। दोदवा तुरंत प्रभाव से 14 एचसीएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं।