-कमलेश भारतीय इसमें संदेह नहीं कि मीडिया की गुणवत्ता कम होती जा रही है । यह कहना है मीडिया गुरु व माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व हिसार के गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय के जनसंचार विभाग के प्रथम अध्यक्ष प्रो बृज किशोर कुठियाला का । हिसार में सबसे पहले इनके विभाग पर ही मैंने फीचर लिखकर अपनी शुरुआत की थी दैनिक ट्रिब्यून में हिसार की रिपोर्टिंग की । मेरी बेटी रश्मि और उसके मामा की बेटी मोनिका इनकी शिष्या रहीं । अनेक सेमिनार में साथ रहा । कल वे एक सेमिनार के लिए गुजवि में आए तो सब याद आया और कुछ बात करने का मन हो आया । मूलतः हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के निकट परागपुर के निवासी प्रो बृज किशोर कुठियाला की पढ़ाई शिमला के एस डी काॅलेज में हुई और बाद में एम एस सी एनथालाॅजी व सोशोलाॅजी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से की । इसके बाद पुणे के फिल्म संस्थान में प्रशिक्षण लिया । -पहली नौकरी कहां ? भारतीय जनसंख्या परिषद् में शोध परियोजना जो लगभग नौ माह चली । -फिर आगे ?-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ माॅस कम्युनिकेशन में सन् 1973 से 1994 तक लम्बा समय बिताया, इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में डेढ़ वर्ष ।-फिर ?-गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय के जनसंचार विभाग में सन् 1996 से सन् 2006 तक रहा । और आगे की कहानी ?-कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय के मीडिया संस्थान में निदेशक चार साल तक । -यहां से कुलपति बनने का सफर कब ?-सन् 2010 में माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार संभाला और आजकल हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहा हूं । -मैं आपको मीडिया गुरु कह रहा हूं । कोई आपत्ति तो नहीं ?प्रो कुठियाला मुस्कुराये जैसे मेरी बात को स्वीकृति दे दी । -मीडिया गुरु यह बताइए कि आज मीडिया की स्थिति क्या है आपकी नज़रों में ?-मीडिया के कारण पारस्परिक संवाद बढ़ा है नि:संदेह लेकिन इसकी गुणवत्ता कम हुई है यह सच्ची बात है । अच्छे और कम अच्छे मीडिया कर्मियों की पहचान करनी होगी । गुणवत्ता कम होती चली गयी है मीडिया की । -पत्रकारिता विश्विद्यालय के कुलपति होने पर क्या कोशिश रही ?-पत्रकारिता के नये मंच व प्रशिक्षण देने की कोशिश रही । पत्रकारिता से आगे अन्य माध्यमों की जानकारी व प्रशिक्षण देना। -हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद् में क्या कोशिश है आपकी ?-शिक्षा को समय की आवश्यकता के अनुसार ढालने का प्रयास । पाठ्यक्रम में परिवर्तन लाने की भी कोशिश । उच्च शिक्षा को प्रासंगिक बनाने का प्रयास। -आज ही शिवसेना के संजय राउत का बयान आया है कि यह तो बताइए कि आखिर जवाहर लाल नेहरू से क्या चिढ़ है जो उन्हें पाठ्यक्रम से बाहर किया जा रहा है?-नहीं । हमने किसी को नहीं निकाला बल्कि नये लोगों को भी शामिल किया है । जैसे एकात्म दर्शन के लिए दीनदयाल उपाध्याय को । -आप अब किन शिष्यों को याद करना चाहेंगे?-रोहित सरदाना , मीमांसा मलिक , मय॔क श्रीवास्तव जो अच्छी फिल्में बना रहा है , राकेश तनेजा और राजीव चौधरी आदि अनेक प्रतिभाशाली छात्र हैं जो हमारे सामने ही शिखर पर पहुंचे । -अब तक कितने लोगों को शोध के लिए गाइड किया ?-सत्रह । -परिवार के बारे में ?-पत्नी मधुबाला । बेटा कुणाल और बेटी स्वाति जो दोनों अमेरिका मे रहते हैं ।हमारी शुभकामनाएं प्रो बृज किशोर कुठियाला को । Post navigation बेरिकेट्स न लगाइए बल्कि फोन लगाइए साहब सरकार यह समझ ले कि जीत अन्नदाताओं की ही होगी। पूरी कॉंग्रेस पार्टी में किसानों के साथ खड़ी हुई है : कुमारी शैलजा