-राज्य सूचना आयोग के आदेशों का हवाला देकर सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने जारी किए सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश
-सूचना नहीं देने वाले निजी स्कूलों की मान्यता वापस लेने की होगी कार्रवाई
-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के पंचकूला में सदस्य की शिकायत पर सूचना आयोग ने लिया कड़ा संज्ञान 

भिवानी, 06 सितंबर। अब प्रदेशभर के निजी स्कूल आरटीआई की मांगी गई सूचनाओं का जवाब देने में कोई बहानेबाजी नहीं कर पाएंगे, क्योंकि हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने राज्य सूचना आयोग के आदेशानुसार शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने पत्र जारी कर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी निजी स्कूल अब प्राइवेट संस्था की दलील देकर आरटीआई की सूचना का जवाब देने से इंकार नहीं कर सकता है। ऐसे निजी विद्यालयों की निर्धारित अवधि में आरटीआई की सूचना नहीं देने पर मान्यता वापस लेने संबंधी सोकाज नोटिस जारी कर दिया जाएगा। 

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि संगठन के पंचकूला में सदस्य मनीष बांगड़ ने राज्य सूचना आयोग के समक्ष शिकायत दी थी। जिसमें पंचकूला और पानीपत के निजी स्कूलों द्वारा आरटीआई की मांगी गई सूचना का जवाब नहीं दिए जाने संबंधी तथ्य रखे गए थे। इस पर राज्य सूचना आयोग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय को सख्त आदेश दिए। जिसके बाद हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने पंचकूला और पानीपत के जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि सूचना आयोग के अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता को 15 दिन की निर्धारित अवधि में सूचना उपलब्ध कराएं। निदेशक ने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि आयोग ने निजी स्कूलों की इस दलील को भी खारिज कर दिया है कि स्कूल प्राइवेट संस्था है। सूचना उपलब्ध नहीं कराने वाले निजी विद्यालयों की मान्यता वापस लेने संबंधी कारण बताओ नोटिस दिया जाएगा। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि प्रदेश के अधिकतर स्कूल निजी स्कूलों को प्राइवेट संस्था का बहाना बनाकर सूचना नहीं दे रहे हैं, ऐसे विद्यालयों को भी आयोग के इस आदेश से सबक मिलेगा और प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को समय पर सूचना देने के लिए बाध्य होंगे। सूचना आयोग के आदेश सभी निजी स्कूलों पर लागू होंगे।

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