स्मारक में विभिन्न प्रदर्शित वस्तुओं के रख-रखाव व मूल्यांकन के लिए पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी आफ परफोरर्मिंग एंड विज्युल आर्टस को कार्य सौंपा जाएगा- अनिल विज
इस बारे में जल्द ही सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के साथ समझौता ज्ञापन होगा- विज
प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम 1857 की क्रांन्ति के अनसंग असंख्य योद्धाओं व सेनानियों को राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी नई पहचान- गृह मंत्री

चंडीगढ़, 3 सितंबर – हरियाणा के गृह, शहरी स्थानीय निकाय एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम 1857 की क्रांन्ति के अनसंग असंख्य योद्धाओं व सेनानियों की याद में अंबाला में बनाया जा रहा ‘आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक’ संभवतः देश का सबसे बड़ा शहीद स्मारक होगा। उन्होंने कहा कि इस स्मारक में संग्रहालय भी बनाया जा रहा है जिसमें लगाई जाने वाली विभिन्न प्रदर्शित वस्तुओं के रख-रखाव व मूल्यांकन के लिए पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी आफ परफोरर्मिंग एंड विज्युल आर्टस को कार्य सौंपा जाएगा क्योंकि इस क्षेत्र में इस संस्थान की विशेषज्ञता है।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में विश्वविद्यालय को उनके द्वारा एक पत्र भी लिखा गया है ताकि वे स्मारक के संग्रहालय में स्थापित किए जाने वाली प्रदर्शित वस्तुओं की जांच व मूल्यांकन कर सकें। इन प्रदर्शित वस्तुओं में मूर्तियां व भित्ती चित्र, धातु स्क्राॅल, फाइबर स्क्राॅल, ऐक्रेलिक शीट-आधारित डिजाइन, सीमेंट आधारित डिजाइन इत्यादि शामिल है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को सौंपे जाने वाले रख-रखाव व मूल्यांकन के कार्य में काॅलम पैनलिंग, डिजाइन ऐलीमेंट, पार्टिशन, पैनलिंग, वाॅल फिनिश, प्रदर्शनों के सौंदर्य मूल्य, थीम के साथ प्रदर्शित वस्तुओं का डिस्प्ले, आॅडियो-वीडियो का कंटेंट और इस विषय से संबंधित अन्य कार्य शामिल है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में आदेश भी जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का नोडल विभाग सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग है तथा इस बारे में जल्द ही सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के साथ समझौता ज्ञापन किया जाएगा। श्री विज ने बताया कि यह शहीद स्मारक सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा स्थापित किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 300 करोड़ रूपए की लागत से बनाया जा रहा यह शहीद स्मारक 22 एकड़ भूमि में स्थापित होगा और संभवतः यह अगले वर्ष तक तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अंबाला में निर्माणाधीन शहीद स्मारक में आत्मा डालने का कार्य अब जल्द ही शुरू किया जाएगा अर्थात स्मारक के इंटीरियर का कार्य शीघ्र ही शुरू होगा।

गृहमंत्री ने यह भी बताया कि बनाए जा रहे स्मारक में अब आर्ट वर्क के तहत कार्य किया जायेगा और तीन चरणों में यह कार्य किया जायेगा। पहले चरण के तहत अम्बाला में 1857 की क्रांति कब शुरू हुई थी, कहां से शुरू हुई थी, उसका इतिहास दिखाया जायेगा। दूसरे चरण में हरियाणा में 1857 की क्रांति कहां-कहां लड़ी गई, उसका वर्णन किया जायेगा और तीसरे चरण में हिन्दुस्तान में कहां-कहां आजादी की लड़ाई लड़ी गई, झांसी की रानी, बहादुरशाह जफर के साथ-साथ अन्य क्रांतिकारियों ने अपनी क्या-क्या भूमिका निभाई, उसका भी वर्णन किया जायेगा।

गृहमंत्री ने यह भी बताया कि पर्यटन की दृष्टि से राष्ट्रीय स्तर का स्मारक अपनी अलग छाप छोड़ेगा, देश के मानचित्र पर यह आयेगा। अम्बाला का गौरव बढ़ेगा, यहां से गुजरने वाले लोग इस स्मारक को देखे बिना नहीं जायेगे। अनसंग वीरों की अनेक गाथाएं यहां पर प्रदर्शित होंगी। यहां पर अनेकों ऐसे दृश्य होंगे जिसे देखकर लोग अचम्भित होंगे। उन्होंने बताया कि प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम 1857 की क्रांन्ति के अनसंग असंख्य योद्धाओं व सेनानियों को राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान भी मिलेगी।

error: Content is protected !!